लाज द्रौपदी के राखै आएं हैं..
सुलतानपुर : 'लाज द्रोपदी कै राखै का आये हैं गरुण छोड़ के भगवान, वैसे लाज बचाने को चन्द्रा बलि कै उदल
सुलतानपुर : 'लाज द्रोपदी कै राखै का आये हैं गरुण छोड़ के भगवान, वैसे लाज बचाने को चन्द्रा बलि कै उदल बनगे दिगम्बर नाथ'।'तीज पुजाय दिय चन्द्राबि कै औ चौढ़ा का दिया भगाय'। रविवार को गोमती नदी के तट पर स्थित बाबा दुलदुलदास की कुटी पर आयोजित आल्हा गायक ¨वध्याचरण शुक्ल व शिवकरण पांडेय ने प्रस्तुत किया तो लोग वाह-वाह कर उठे। इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने आल्हा गायन का लुत्फ उठाया। मनोज मिश्र ,सुभाष मिश्रा, जगदम्बा प्रसाद यादव, वेद प्रकाश तिवारी, विजय भारती, अर्जुन सिह, हीरा लाल मिश्र, अखलेश तिवारी, अनिल मिश्र, जगन्नाथ उपाध्याय, बब्बन प्रसाद गौड़ प्रधान, सूर्य नरायन पाण्डेय, भग्गू पाल, महावीर यादव ,रविन्द्र विश्वकर्मा, सन्तोष यादव आदि मौजूद रहे। अयोजक बाबा योगराज महराज ने सभी के प्रति आभार प्रगट किया ।