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स्टेडियम ट्रेनीज को हराकर एमजीएस ने जीता खिताब

सुलतानपुर : हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती सोमवार को खेल दिवस के रूप मनाई गई। प्रतिवर्ष की भा

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 12:02 AM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 12:02 AM (IST)
स्टेडियम ट्रेनीज को हराकर एमजीएस ने जीता खिताब

सुलतानपुर : हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती सोमवार को खेल दिवस के रूप मनाई गई। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा निभाई गई। जिलास्तरीय अंतरविद्यालयी हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन खेल विभाग की ओर से पंत स्टेडियम में किया गया। स्टेडियम के खिलाड़ियों को छोड़ शहर के सिर्फ चार स्कूलों की टीमों ने प्रतिभाग किया। फाइनल मुकाबला महात्मा गांधी स्मारक इंटर कॉलेज के नाम रहा। इस स्कूल के विद्यार्थियों ने स्टेडियम ट्रेनीज-ए की टीम को 2-1 से हराकर प्रतियोगिता जीत ली।

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पूर्वाह्न 14 वर्ष तक के स्कूली बालकों की जनपदीय हॉकी प्रतियोगिता का शुभारंभ वरिष्ठ खिलाड़ी हबीबुर्रहमान व राष्ट्रीय खिलाड़ी मो.हलीम ने किया। उपक्रीड़ाधिकारी विश्वजीत बासक के संयोजन में आयोजित प्रतियोगिता का पहला मैच केंद्रीय विद्यालय अमहट व टाइनी टाट्स-ए के बीच खेला गया। जिसमें केंद्रीय विद्यालय ने एकतरफा मुकाबले में 2-0 से विजय हासिल की। दूसरा मैच दिल्ली मांटेसरी स्कूल व स्टेडियम ट्रेनीज-ए के बीच खेला गया, जिसमें ट्रेनीज-ए ने 2-0 से बाजी मारी। तीसरे मैच में एमजीएस ने ट्रेनीज-बी को 2-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया। चौथा मैच ट्रेनीज-ए ने केंद्रीय विद्यालय को 2-0 से हराकर आराम से जीत लिया। फाइनल मुकाबला रोमांचक रहा। ट्रेनीज-ए व एमजीएस कॉलेज के बीच खेले गए इस मैच में 2-1 से प्रतियोगिता में एमजीएस ने दबदबा कायम किया। सरफराज अहमद व श्रेष्ठ सागर ने एमजीएस की ओर से गोल ठोंके। अपराह्न भाजपा जिलाध्यक्ष डा.आरए वर्मा ने विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए।

दद्दा को ये कैसी श्रद्धांजलि

दद्दा को ये कैसी श्रद्धांजलि? जिस देश के मेजर ध्यानचंद जिन्हें लोग दद्दा कहकर पुकारते थे। वे हाकी जादूगर थे। उन्होंने दुनिया में ¨हदुस्तान का परचम ओलंपिक एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हमेशा बुलंद रखा। उन्हीं के देश में हॉकी की दुर्गति हो रही है। सुलतानपुर जैसे जिले में करीब 200 सरकारी एवं सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं। इनके अलावा बेसिक जूनियर हाईस्कूलों की भी तादाद करीब 800 है, लेकिन खेल दिवस पर सिर्फ चार विद्यालय ही हॉकी प्रतियोगिता में शामिल होने पहुंचे।

स्टेडियम में बिना कोच खिलाड़ी सीख रहे हॉकी

खेल विभाग से संचालित जिले के एकमात्र पंत स्टेडियम में हॉकी का हाल इसी से जाना जा सकता है कि करीब दो वर्षों से यहां पर कोच की तैनाती नहीं है। जबकि सीखने आने वाले खिलाड़ियों की कमी नहीं है। दर्जनों की संख्या में रोजाना सुबह-शाम हॉकी स्टिक लेकर खिलाड़ी मैदान में आते हैं। वे खुद ही ड्रिब¨लग करते हैं और खेल के गुर सीखते हैं। उन्हें कोई बताने वाला नहीं है।


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