पस्त हुआ 'हौसला', व्यवस्था में बढ़ा फासला
सुलतानपुर : राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी हौसला पोषण योजना पटरी पर आने से पहले ही धराशायी हो गई है।
सुलतानपुर : राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी हौसला पोषण योजना पटरी पर आने से पहले ही धराशायी हो गई है। 2377 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बर्तन-राशन की व्यवस्था योजना शुरू होने के 25 दिन बाद भी नहीं की जा सकी। ऐसे में 25,000 गर्भवती और 13,000 अतिकुपोषितों को गरमागर्म भोजन खिलाने की मंशा अधूरी रह गई है।
गत 25 जुलाई से जिले में 2377 केंद्रों पर हौसला पोषण योजना शुरू कराने का फरमान शासन ने भेजा था। इसके अनुपालन में डीएम-सीडीओ के गोद लिए गांवों में समारोहपूर्वक योजना का शुभारंभ किया गया। जबकि अन्य अधिकारियों के अंगीकृत गांवों में योजना की पहले ही डगमगा गई। उधर, जिलाधिकारी ने प्रधानों और आंगनबाड़ी कर्मियों को खातों में धनराशि भेजने तक से केंद्रों पर भोजन की व्यवस्था करने की अपील की। इस पर कुछ प्रधानों ने दो-चार दिनों तक दम दिखाया, पर पखवारा बीतने के बाद भी खातों में पैसा नहीं पहुंचा तो उनका भी हौसला पस्त होने लगा। अब स्थिति यह है कि तकरीबन सभी केंद्रों पर योजना का संचालन ठप हो गया है।
भेजवाया जा रहा पैसा : डीपीओ
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा ¨सह कहती हैं कि कोषागार से बैंकों को धनराशि स्थानांतरित करा दी गई है। शीघ्र ही प्रधान व आंगनबाड़ी के खातों में पैसा पहुंच जाएगा।
सीडीपीओ और मुख्य सेविकाएं जांचेंगे केंद्र
जिलेभर में आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच कराई जाएगी। सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को 10-10 केंद्रों की प्रतिदिन जांच कर शाम तीन बजे तक कार्यक्रम कार्यालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर फैक्स या वाट्सएप नंबर पर भी भेजा जा सकता है।