मेरी कलम जागती रहना, तेरा काम अभी बाकी है
सुलतानपुर : 'कभी-कभी सोचा करता हूं, वे बेचारे छले गए हैं, जो फूलों का मौसम लाने की कोशिश में चले गए
सुलतानपुर : 'कभी-कभी सोचा करता हूं, वे बेचारे छले गए हैं, जो फूलों का मौसम लाने की कोशिश में चले गए हैं। जो स्वतंत्रता के चरणों पर अपना शीश चढ़ाकर सोए, हममें से कितने ऐसे हैं उनके लिए हृदय से रोए। उन वीरों की विधवाओं के क्वांरे स्वप्न सृजन को तरसें.मेरी कलम जागती रहना तेरा काम अभी बाकी है।।' ये पंक्तियां हैं मशहूर कवि एवं उत्तर प्रदेश ¨हदी संस्थान के अध्यक्ष पूर्व सांसद उदय प्रताप ¨सह की।
गुरुवार की देर रात शहर के रामनरेश त्रिपाठी सभागार में पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद ¨सह ने सुनाईं।भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ व श्रमजीवी पत्रकार यूनियन समेत विभिन्न पत्रकार संगठनों की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश ¨हदी संस्थान के अध्यक्ष ¨सह पूरे रौ में नजर आए। उन्होंने इन शब्दों से पत्रकारों को दायित्वबोध भी कराया। -जो सर से पांव तक खुद्दार नहीं है, हाथों में कलम लेने का हकदार नहीं है। सपा जिलाध्यक्ष प्रो.रामसहाय यादव की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन करते हुए हास्य कवि सर्वेश स्थाना ने पढ़ा 'विभाग ने खुलकर इलजाम लगाया, सारा सीमेंट लोहा इसी ने खाया। पुल ने बताया मेरे हिस्से में तो थोड़ा आया, न्यायालय का निर्णय पुल के विरोध में आया, पुल ने भी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली।।' उनके तीखे व्यंग्य के बाद ओजस्वी कवि अजय निर्भीक की बारी थी। जिन्होंने अभिव्यक्ति की राजनीति पर कविता कुछ यूं पढ़ी ' जब हजारों शहर जले तो अभिव्यक्ति कहां गई थी। देव भूमि में आफत आई तो अभिव्यक्ति कहां गई थी। भारत मां को गाली देना अभिव्यक्ति का अर्थ, अभिव्यक्ति ऐसी हो जो विश्व पटल का ताज बने'। कार्यक्रम में मौजूद एसपी पवन कुमार भी कवि के रूप में नजर आए। उनकी ये पंक्तियां 'मन होकर विकल, तू यूं न चल, इस राह में पग-पग पर छल' सराही गई। इनके अलावा जाहिल सुलतानपुरी, डॉ.डीएम मिश्र, अब्दुल मन्नान, ज्ञानेंद्र विक्रम, अमन अक्षर, क्षितिज उमेन व विपिन मिश्र आदि की रचनाएं सराही गईं। कार्यक्रम का संचालन विजय विद्रोही ने किया। इनके अलावा सनत्य कुमार ¨सह, जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा ¨सह के पति शिवकुमार ¨सह, अशोक मिश्र, सत्यप्रकाश गुप्ता, संतोष यादव आदि मौजूद रहे।