गुरु व ब्राह्मण का सदैव सम्मान करना चाहिए
सुलतानपुर : माता-पिता के साथ ही गुरु व ब्राह्मण का सदैव आदर करना चाहिए। ये बात कथा व्यास पं.श्रवण कु
सुलतानपुर : माता-पिता के साथ ही गुरु व ब्राह्मण का सदैव आदर करना चाहिए। ये बात कथा व्यास पं.श्रवण कुमार मिश्र शास्त्री ने तिवारीपुर लम्भुआ में श्रीमद् भागवतकथा के दौरान कहीं।
लम्भुआ के तिवारीपुर गांव में श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक ने धुंधकारी की कथा सुनाई। कथा वाचक पं.श्रवण कुमार ने बताया कि प्रभु का नाम लेकर भवसागर से पार उतरा जा सकता है। इसके नाम से जीवन तो धन्य होता ही है, पूर्वजों को भी मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा प्रेम से सुनने से धुंधकारी जैसे प्रेतयोनि के व्यक्ति को भवसागर से मुक्ति मिली। उसे लेने स्वर्ग से विमान आया था। उन्होंने कहा कि माता-पिता की तरह ही गुरु व ब्राह्मण का भी सम्मान करना चाहिए। वे सदैव प्रिय होते हैं। महाभारत काल में अश्वथामा ने पांडव के पांच पुत्रों की हत्या कर दी तो पांडव उसे पकड़कर ले आए और द्रौपदी के सामने ले गए। द्रौपदी ने उसे गुरु पुत्र और ब्राह्मण होने के नाते जीवनदान दिया और पतियों से मुक्त करने को कहा। उन्होंने बताया कि गुरु और ब्राह्मण का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। मुख्य यजमान पं.कृष्ण कुमार मिश्र ने कथा सुनने आए सभी आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर रामसेवक, रवींद्र त्रिपाठी, निर्मला, अनूप श्रीवास्तव, आशुतोष आदि मौजूद रहे।