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'झालर विधि से करैला-लौकी की खेती फायदेमंद'

सुलतानपुर: उद्यान उपनिदेशक रविवार को विकास खंड अंतर्गत देवकली नरायनपुर पहुंचे। उन्होंने करैला और लौक

By Edited By: Published: Mon, 02 May 2016 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 10:36 PM (IST)
'झालर विधि से करैला-लौकी की खेती फायदेमंद'

सुलतानपुर: उद्यान उपनिदेशक रविवार को विकास खंड अंतर्गत देवकली नरायनपुर पहुंचे। उन्होंने करैला और लौकी की खेती का मुआयना किया। किसानों को बताया कि झालर विधि से करैला व लौकी की खेती अधिक लाभकारी है। इससे अधिक पैदावार होती है।

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उपनिदेशक उद्यान वीके मिश्र तथा जिला उद्यान अधिकारी विनयशंकर श्रीवास्तव ने बाबूलाल वर्मा, रामकुमार वर्मा, रामतीरथ वर्मा, बैजनाथ वर्मा तथा रामकिशोर की करैला और लौकी की फसल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि करैला व लौकी की खेती में हमेशा नमी होनी चाहिए। जिससे पौधे ठीक रहते हैं तथा फल भी जल्दी बड़े होते हैं। करैला की उन्नत खेती के लिए उन्होंने झालर विधि का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने सुनील व अन्य किसानों की लौकी की खेती भी देखी। भदैंया सहायक दिनेश सिंह ने किसानों को जायद की फसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुलतानपुर जिला मध्य में है। जहां 40.सेल्सियस तक का तापमान पौधे सह सकते हैं। इससे अधिक तापमान होने पर बुलेंदखंड में पैदा होने वाली वैरायटी का किसान प्रयोग करें।


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