खतरे के मुहाने पर..
सुल्तानपुर : भूकंप के खतरे से सहमे शहरवासियों के लिए शहर की तमाम जर्जर इमारतें खतरे का सबब बनी हुई ह
सुल्तानपुर : भूकंप के खतरे से सहमे शहरवासियों के लिए शहर की तमाम जर्जर इमारतें खतरे का सबब बनी हुई हैं। वर्षो से जीर्णशीर्ण निष्प्रयोज्य हो चुकी इन इमारतों में तमाम ऐसी हैं जिनमें लोगों का रहन-सहन भी है। इन भवनों के कभी भी धराशायी हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। भीड़ भरे बाजारों में सड़क किनारे खड़ी ये इमारतें देखकर लोग सहमे हुए हैं। वहीं प्रशासन ऐसे वक्त में भी किंकर्तव्यविमूढ़ मूकदर्शक बना हुआ है।
इनसेट.यहां पर आ सकती है 'आफत'
*मामूली झटके में जर्जर भवन पस्त हो सकते हैं। शहर में निकलिए तो पहले नजर जाती है पारकीसगंज में गया प्रसाद चौराहे पर दक्षिण -पश्चिम कोने पर खड़ी बहुमंजिला जीर्णशीर्ण इमारत पर। वर्षो से ये भवन निष्प्रयोज्य हैं। बावजूद इसके विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी अथवा पालिका प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आसपास के लोग अब इस इमारत को देखकर सहम जाते हैं।
*प्रतापगंज बाजार के पूर्वी-पश्चिमी द्वार जर्जर होकर लटक रहे हैं। गल्लामंडी होने की वजह से दोनों द्वार के इर्दगिर्द फुटपाथ पर दर्जनों दुकानदार व खरीदार जमा रहते हैं। इस इलाके में दिनभर लोगों की आवाजाही रहती है। बावजूद इसके जिम्मेदार बेपरवाह हैं।
*लखनऊनाका सघन भीड़ भरा बाजार है। यहां सुबह से लेकर देर रात तक लोगों की आवाजाही रहती है। यहीं पर ओवरब्रिज के नीचे पुराना गुरुद्वारे के पास दशकों पुरानी बहुमंजिला इमारत निष्प्रयोज्य हो चुकी है। फिर भी इसका न तो जीर्णोद्धार किया गया और न ही ढहाया गया। अब ये दुर्घटना का सबब बन चुकी है।
इनसेट.यहां पर भी है खतरा
शाहगंज पुलिस चौकी के निकट चौराहे के ठीक बगल में पश्चिमी कोने पर स्थित एक मकान को लेकर लोग आशंकित हैं। यह इतना जीर्णशीर्ण हो चुका है कि शनिवार से जब भूकंप के झटके महसूस किए जाने लगे तभी से इसके आसपास के लोग सहमकर दूर चले जाते हैं। कब मकान का छज्जा ढह जाए और कब दीवार पस्त हो जाए कोई ठिकाना नहीं। चौक इलाके में मुरारी दास गली, चित्रा गली व बाटा गली के मुहाने पर स्थित मकान भी अत्यंत जर्जर हो चले हैं।
इनसेट.प्रशासन की नजर में जर्जर भवन सिर्फ छह
1.पारकीसगंज चौराहे पर स्थित राजकुमार का बहुमंजिला भवन।
2.मुरारीदास गली चौक में रामइकबाल मिश्र का मकान।
3.शाहगंज पुरानी बाजार में विजय कुमार का भवन।
4.मुरारीदास गली में पृथ्वीपाल का मकान।
5.अन्नू चौराहा नेशनल सिनेमा रोड का एक निजी भवन।
6.लखनऊनाका की धर्मशाला।
इनसेट.पालिका के अफसर मौन, विनियमित दफ्तर ने पल्ला झाड़ा
विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी कार्यालय के अवर अभियंता देवी प्रसाद पांडेय ने बताया कि शहर के छह जर्जर इमारतों की सूची उन्हें पालिका के अधिशासी अधिकारी ने सुलभ कराई है। कुछ दिनों पूर्व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जर्जर भवनों का चिन्हांकन पालिका ने किया था। जहां तक कार्यवाही की बात है यह पालिका का क्षेत्राधिकार है। पालिका के अधिशासी अधिकारी को ही संबंधित मकान मालिक को नोटिस जारी करके भवन के जीर्णोद्धार अथवा ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करनी चाहिए। वहीं पालिका के अधिशासी अधिकारी प्रकरण मौन हैं।