बोहनी न करने वाले 19 केंद्र प्रभारियों को नोटिस
सुल्तानपुर : गेहूं खरीद में रुचि न लेने वाले केंद्र प्रभारियों पर प्रशासन सख्ती के मूड में हैं। इसलि
सुल्तानपुर : गेहूं खरीद में रुचि न लेने वाले केंद्र प्रभारियों पर प्रशासन सख्ती के मूड में हैं। इसलिए जिलाधिकारी ने अभी तक बोहनी न करने वाले 19 केंद्र प्रभारियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। डीएम ने सोमवार को बैठक में कहा कि लापरवाही मिली तो कार्रवाई जरूर होगी। जिले में गेहूं खरीद के लिए 53 केंद्र बनाए गए थे। सभी केंद्रों को मिलाकर 24.5 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। एक अप्रैल से केंद्रों पर खरीद करने के निर्देश दिए गए। पर, महीना बीतने को है अभी 19 केंद्र बोहनी तक नहीं कर पाए हैं। सोमवार को डीएम ने खरीद प्रगति की समीक्षा की तो उन्हें भी यह हकीकत मालूम हुई। इस पर जिलाधिकारी ने सख्त रूख अपनाते हुए 19 केंद्र प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस दी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जवाब संतोषजनक न मिला तो संबंधित केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मुख्य खरीद अधिकारी कृष्णलाल तिवारी ने बताया कि अब तक 853.45 एमटी खरीद की गई है। इस मौके पर जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ज्ञानचंद्र वर्मा व अन्य मौजूद रहे।
सत्यापन पर पैसा वसूला तो होगी कार्रवाई
डिजिटल राशन के आवेदन पत्रों का सत्यापन करने के लिए पैसा वसूली की शिकायतों पर सख्त जिलाधिकारी ने कहा कि बीडीओ जांच करें और दोषियों को सजा दिलाएं। डीएम सोमवार को राष्ट्रीय खाद्यान सुरक्षा मिशन की प्रगति समीक्षा कर रही थीं। बैठक में डीएसओ अजय ¨सह ने बताया कि 15 मई तक ऑनलाइन व ऑफ लाइन फार्म प्राप्त किए जा सकते हैं।
किसानों के लिए मांगे 31 करोड़
अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने में प्रशासन कई रंग बदल चुका है। फर्जी सर्वे से लेकर मृतकों के नाम चेक बनाए गए। अब तक तीन बार सर्वे किए गए। लेकिन कहीं मुकम्मल सर्वेक्षण नहीं हो सका। प्रशासन ने सोमवार को नुकसान का क्षेत्रफल और दर्शाते हुए किसानों को राहत देने के लिए 31 करोड़ रुपये की मांग की है। प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में डीएम ने कहा कि अब तक हुए सर्वे के मुताबिक जिले में 32 करोड़ 31 लाख 20 हजार 404 रुपये की फसल नष्ट हुई है। जिसके सापेक्ष शासन से 40.5 लाख रुपये मिले थे, जो पीड़ितों को बांटा जा चुका है। उधर, खरीफ में बर्बाद हुई फसलों पर बीमित 4979 किसानों को एक करोड़ 52 लाख रुपये बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया गया है। जबकि रबी सीजन में बीमित किसानों को अभी तक राहत नहीं दी जा सकी है।