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फिर पहुंचीं डीएम, फिर मिलीं खामियां

सुल्तानपुर : जिला अस्पताल में अव्यवस्था दूर होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को जिलाधिकारी के औच

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 12:32 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 12:32 AM (IST)
फिर पहुंचीं डीएम, फिर मिलीं खामियां

सुल्तानपुर : जिला अस्पताल में अव्यवस्था दूर होने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण में एक बार फिर व्यवस्था की पोल खुल गई। हरतरफ गंदगी दिखाई पड़ी। कई कर्मचारी गैरहाजिर। यहां तक कि एक चिकित्सक भी बिना कारण बताए ड्यूटी से नदारद था। अस्पताल की यह दशा देख डीएम अदिति ¨सह का तेवर सख्त हो गया। गैरहाजिर कर्मचारियों का वेतन रोकने के साथ चिकित्सक को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई और नोटिस देकर बदहाल व्यवस्था के संबंध में जवाब तलब किया। इस दौरान अस्पताल में अफरातफरी का माहौल रहा।

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जिलाधिकारी ¨सह दोपहर करीब साढ़े बारह बजे अचानक जिला अस्पताल की व्यवस्था देखने जा पहुंचीं। नवनिर्मित विद्युत उपकेंद्र का निरीक्षण किया। वहां की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए। तत्पश्चात अल्ट्रासाउंड कक्ष पहुंचीं। कक्ष का दरवाजा बंद देखा तो सीएमएस रामसेवक सरोज से पूछताछ की। पता चला कि चिकित्सक डा.अमित कुमार बिना बताए नदारद हैं। डीएम ने डा.कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि निर्देश देते हुए चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति परखने के लिए बायोमेट्रिक कक्ष पहुंची। जहां संबंधित कर्मचारी से उपस्थिति का ब्यौरा मांगा, लेकिन वह मौके पर दे नहीं सका। कक्ष के आसपास गंदगी की भरमार देख डीएम का तेवर सख्त हो गया। सीएमएस सरोज से सफाई व्यवस्था की जानकारी ली तो वे चुप्पी साध गए। इस पर उन्हें फटकार लगाई और बदहाल व्यवस्था के बावत नोटिस थमाया। वहीं सीएमओ डा.केबी ¨सह को निर्देशित किया कि जो कर्मचारी गैरहाजिर हैं उनका मार्च माह का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया जाए। इस मौके पर अधिशासी अभियंता विद्युत राजीव कुमार भी मौजूद रहे।

बदमाशी नहीं काम करें डाक्टर

सुल्तानपुर : अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची, जिलाधिकारी ने चिकित्सकों को खूब नसीहत दी। पहले तो बदहाल व्यवस्था पर दुख जताया। कहाकि लोगों को स्वस्थ रखने वाला विभाग खुद ही बदहाल है। इसके उपरांत डाक्टरों को सुधर जाने की हिदायत दी। चिकित्सकों से सवाल किया कि क्या आप चाहते नहीं हैं कि सुधार हो? जवाब न मिला तो खुद ही उत्तर दीं। बोलीं, डाक्टर बदमाशी नहीं काम करें।

वही जिलाधिकारी वही अस्पताल

शुक्रवार को जिलाधिकारी अदिति ¨सह एक बार फिर जिला अस्पताल की दशा देखने पहुंच गईं। उन्हें वहां हर ओर मनमानी और बदहाली साफ दिखी। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि जब इन्होंने जिले का चार्ज संभाला था, तब पहली प्राथमिकता में इसी अस्पताल जा पहुंचीं थीं। तब भ सबकुछ बेपटरी मिला था। व्यवस्था सुधारने को मैडम ने जिलास्तरीय अधिकारियों की प्रतिदिन अस्पताल निरीक्षण की डयूटी लगाई थी। पर, सुधार रत्तीभर नहीं हुआ। इधर डीएम लंबी छुट्टी से लौटीं तो एक बार फिर जिला अस्पताल जांचने पहुंच गईं, जहां निराशा ही हाथ लगी।

सारे अधिकारी बदले, पर सीएमओ नहींजिलाअस्पताल में सुधार की कवायद कभी परवान ही नहीं चढ़ पाई। बताया जाता है कि सीएमओ डा. केशर बक्श ¨सह इसी जिले में लंबे अर्से तक बतौर डाक्टर तैनात रहे। कुछ दिनों के लिए बाहर तैनाती पर गए वहां से जब लौटे तो सीएमओ बन कर। सपा सरकार में एक करीबी का रिश्तेदार होने की वजह से इनकी कुर्सी पर कोई हाथ नहीं डालता। करीब तीन साल से यह यहां तैनात हैं। इस बीच डीएम, सीडीओ, एसपी, एडीएम से लेकर एसडीएम तक कई बार बदले गए, लेकिन सीएमओ पर आंच नहीं आई। सूत्रों का कहना है कि इनकी कार्यशैली से स्वास्थ्य महकमा वाकिफ है, इसी नाते कोई बडी़ कार्रवाई आज तक नहीं हुई और न ही कार्यशैली व व्यव्स्था में ही कोई परिवर्तन हुआ।


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