इलाहाबाद में गांधी से मिले थे शीतला प्रसाद गुप्त
सुल्तानपुर : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शीतला प्रसाद गुप्त की 28 मार्च को आठवीं पुण्यतिथि है। उनके पै
सुल्तानपुर : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शीतला प्रसाद गुप्त की 28 मार्च को आठवीं पुण्यतिथि है। उनके पैतृक गांव बरवारीपुर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
बरवारीपुर गांव के सूरजलाल गुप्त के पुत्र शीतला प्रसाद का जन्म 15 जनवरी 1924 को हुआ था। बचपन में ही पिता का देहांत हो जाने से उनका पालन-पोषण चाचा मेवालाल ने किया। 1938 में मिडिल स्कूल की परीक्षा पास कर शीतला स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। 1939 में ही मंडल कांग्रेस कमेटी कादीपुर के मंत्री चुने गए। वर्ष 1940 में गुप्त सेवादल प्रशिक्षण शिविर के दौरान धारा 144 कानून तोड़ने के जुर्म में जेल भेजे गए। 100 रुपये जुर्माना व एक माह की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। गुप्त ने इलाहाबाद में महात्मा गांधी से मुलाकात की और उन्हें गांधी जी के सेवा का अवसर भी प्राप्त हुआ। व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन के दौरान 9 सितंबर 1941 को छह माह का सश्रम कारावास व बीस रुपया जुर्माना हुआ। 12 नवंबर 1942 को नैनी भेजे गए जहां चार दिन गुप्त भूख हड़ताल किए और जेल पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ीं। 30 नवंबर 1943 को जेल से मुक्त हुए तो गुप्त ने आगे की पढ़ाई कर 1954 में हाईस्कूल पास किया। देश स्वतंत्र होने के बाद भी गुप्त बराबर सामाजिक व राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेते रहे। 28 मार्च 2007 को उन्होंने पैतृक गांव बरवारीपुर में अंतिम सांस ली। शनिवार को गुप्त को आठवीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।