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हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे..गति दे

सुल्तानपुर : 'हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। जग सिर मौर बनाए भारत वह बल विक्रम दे..अम्ब

By Edited By: Published: Sat, 24 Jan 2015 09:06 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jan 2015 09:06 PM (IST)
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे..गति दे

सुल्तानपुर : 'हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। जग सिर मौर बनाए भारत वह बल विक्रम दे..अम्ब विमल मति दे।।' उक्त प्रार्थना शनिवार को जिले भर के विद्यालयों व कार्यालयों में सुनाई पड़ी। विद्या की देवी मां सरस्वती की जगह-जगह पूजा अर्चना के साथ लोगों ने देश व समाज के कल्याण के लिए हवन कुंड में आहुति डाली। विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन भी किए गए।

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बसंतोत्सव पर विवेकानंद नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में चौबीस कुंडीय हवन का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं ने अभिभावकों व गुरुजनों के साथ मां सरस्वती का पूजन किया। हवन कुंड में आहुति डाली गई। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक सुभाष ने बसंतोत्सव के संदेशों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि ज्ञान, तप और प्रेम करना बसंतोत्सव का मूल सार है। व्यक्ति को कर्तव्यपालन सेवा भाव से करना चाहिए। इस कार्य को कर्म और तपस्या बताते हुए उन्होंने प्रेम का मतलब भी समझाया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच रखना और सृजनशीलता बनाए रखना प्रेम का प्रतीक होता है। विद्यार्थियों को मां सरस्वती के शरण में जाने की सीख देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की नीति पर चलने से ही सफलता कदम चूमेगी। प्रबंध समिति के अध्यक्ष कृपाशंकर द्विवेदी, प्रबंधक शिवनारायण तिवारी व प्रधानाचार्य लालता प्रसाद पांडेय ने वीणा वादिनी मां सरस्वती के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन राजनारायण शर्मा ने किया। इस मौके पर राजबहादुर शर्मा, गिरीश पांडेय, सत्यप्रकाश गुप्ता आदि मौजूद रहे। अहिमाने स्थित महर्षि विद्या मंदिर योगीपुरम में बसंतोत्सव मनाया गया। मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पीतवस्त्र अर्पित करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सरस्वती जी का पूजन किया गया। गुरुजनों ने बसंत मनाने का कारण बच्चों को बताया। इसके उपरांत छात्र-छात्राओं ने महाकवि कालीदास के 'ऋतुसंहारम्' खंडकाव्य से बसंत वर्णन का मंचन किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य राजेश त्रिपाठी समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे। धम्मौर संवादसूत्र के अनुसार, सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज मनियारपुर में छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इससे पहले सरस्वती वंदना की गई। मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित एमएलसी लक्ष्मणाचार्य ने बच्चों के विकास में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की महत्ता बताई। इस मौके पर कुमुद लता सिंह, अमरनाथ शुक्ला, अजय कुमार गुप्ता, संजय सिंह त्रिलोकचंदी, भूपेंद्र सिंह, वंशराज सिंह, कृष्णदेव सिंह, धर्मराज यादव, अक्षय प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे। जयसिंहपुर संवादसूत्र के अनुसार, आयुष जनकल्याण समिति के तत्वावधान में बरौंसा में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान लखनऊ के आशुतोष बाजपेई को साहित्य भूषण व कादीपुर के सुशील पांडेय 'साहित्येंदु' को तुलसी सम्मान से नवाजा गया। इसके उपरांत मुशी रजा, डॉ.अरुणेश, आलोक, अमन सुल्तानपुरी, राम सूरत अनाम, इंदू सुल्तानपुरी, अशोक पांडेय अनहद, विमल सुल्तानपुरी, डॉ.आद्याप्रसाद 'प्रदीप', संदीप श्रीवास्तव, प्रख्यात मिश्रा, डॉ.कविता सिंह आदि कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ीं। आयोजन डॉ.केके मिश्रा ने किया।

यहां भी बसंतोत्सव की धूम

कादीपुर : सरस्वती विद्या मंदिर में अध्यापकों ने मां सरस्वती ने पूजन-अर्चन कर बसंतोत्सव मनाया। छात्र-छात्राओं ने विद्या की देवी की आराधना की। उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने स्थानीय जूनियर हाईस्कूल प्रांगण में मां शारदा का पूजन-अर्चन किया। इस दौरान आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस मौके पर सौरमेंद्र प्रताप सिंह, विपिन तिवारी, विश्वनाथ मिश्रा, अरविंद मिश्रा, शिवेंद्र आदि मौजूद रहे।


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