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अधिकारों के साथ कर्तव्यों का निर्वहन जरूरी

सुल्तानपुर : हमें अपने अधिकार के साथ-साथ हमें अपने कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन की भी चिंता होनी

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:11 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:11 PM (IST)
अधिकारों के साथ कर्तव्यों का निर्वहन जरूरी

सुल्तानपुर : हमें अपने अधिकार के साथ-साथ हमें अपने कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन की भी चिंता होनी चाहिए। किसी भी शासन को प्रभावी बनाने के लिए अधिकार एवं कर्तव्य दोनों का बोध होना जरूरी है। ये कहना है कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान के पूर्व प्राचार्य डॉ.यशवंत सिंह का। वे गुरुवार को महिला अधिकार पखवारा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किए गए विधि दिवस पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

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कमला नेहरू संस्थान के विधि संकाय में आयोजित संगोष्ठी को कई प्रमुख विधि वेत्ताओं ने सबोधित किया। पूर्व प्राचार्य डॉ.सिंह ने कर्तव्यों के निर्वहन की महत्ता बताई। जबकि प्राचार्य डॉ.एके श्रीवास्तव ने कहा कि विधि व्यवसाय ही ऐसा व्यवसाय है जिसमें प्रत्येक विधि व्यवसायी को विद्वान शब्द से संबोधित किया जाता है जो इसके महत्व को इंगित करता है। प्रवक्ता डॉ.शिवबहादुर तिवारी ने दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष डॉ.वीपी सिंह ने विधि के शासन को लागू करने की आवश्यकता को जरूरी बताते हुए न्याय पालिका पर आस्था का विधि दिवस की उपलब्धि बताया। विधि संस्थान के प्राचार्य डॉ.मोइन अतहर ने वर्तमान विषय पर महिलाओं के अधिकार के सापेक्ष विधि की सक्रियता व समयानुरूप कानून बनाए जाने को महत्वपूर्ण बताया। प्रवक्ता डॉ.सुशील सिंह ने महिला अधिकार पखवारा की रूपरेखा व नियोजित कार्यक्रमों के आयोजन के बारे में अवगत कराया। इस मौके पर डॉ.एएच खान, डॉ.वंदना सिंह, सुभाष यादव, डॉ.विशाल विक्रम, संजय पांडेय व डॉ.सुखदेव आदि मौजूद रहे।


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