एकजुटता की मिसाल पेश करें अंबेडकर अनुयायी : चंदिमा
सुल्तानपुर : भारत में बौद्ध धर्म का पुर्नजागरण हो रहा है। धम्म के प्रबल संचालन से भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी मानव का कल्याण संभव है। तथागत बुद्ध के धम्म को सम्राट अशोक महान ने दुनिया में प्रस्थापित करके गतिमान किया था। 20वीं सदी में बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर ने भारत में बौद्ध धम्म की स्थापना एवं भारत के शोषितों के कल्याण हेतु जीवन पर्यत संघर्ष किया। वर्तमान समय में जरूरत है अंबेडकर अनुयाइयों को एकजुटता की मिसाल पेश करने की। यह बातें सारनाथ के बौद्ध भिक्षु चंदिमा ने कही। वे रविवार को पं.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में बौद्ध चिंतन एवं झांकी इंचार्ज सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में आयोजित समारोह का शुभारंभ 'त्रिशरण पंचशील' एवं तथागत बुद्ध एवं अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। गाजीपुर के भंते शीलबचन, मुख्य राजस्व अधिकारी सुल्तानपुर वीके दोहरे, डॉ.दिनेश गौतम, प्रो.एसपी कुटार, इं.मुकेश दोहरे, इं.कन्हैलाल आदि ने समारोह को संबोधित किया। सीआरओ दोहरे ने 14 अप्रैल 2014 को अंबेडकर झांकी निकालने वाले इंचार्जो को बाबा साहब की फोटो प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंक हासिल करने वाले दस-दस विद्यार्थियों को भी मेडल देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद झांकियां निकालने के लिए प्रेरित करने वाले दस कार्यकर्ताओं का भी हौसला बढ़ाया गया। सुबह दस बजे से तीन बजे तक चले कार्यक्रम में बाबा साहब एवं तथागत बुद्ध के आदर्शो पर चलने का आह्वान किया गया। इस मौके भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष बीआर बौद्ध, अंबेडकर कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष हौसिला प्रसाद भीम, श्याम बहादुर बौद्ध, राममूर्ति बौद्ध, रामसमुझ बौद्ध, सुरेश कुमार मौर्या, डॉ.दयाराम गौतम, डॉ.जयभीम बौद्ध, डॉ.विजय गौतम, मुरारी, रजनीश गौतम, भीमकुमार राहुल आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
इनसेट..: एक मंच पर दिखे 'अकस' और 'भाबौम' के पदाधिकारी
सुल्तानपुर : पं.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में रविवार को आयोजित समारोह में वर्षो बाद अंबेडकर कल्याण समिति एवं भारतीय बौद्ध महासभा के पदाधिकारी एक मंच पर दिखे। अंबेडकर एवं बुद्ध के मिशन पर कार्य कर रहे दोनों संगठनों की एकता देखकर लोगों ने खूब सराहना की। एक ही मंच पर पहली बार दोनों संगठनों के झांकी इंचार्जो का सम्मान किया गया। सीआरओ वीके दोहरे ने कहाकि जब तक हम कदम-कदम से मिलाकर नहीं चलेंगे तब तक सामाजिक उत्थान होना संभव नहीं है। उन्होंने लोगों से इसी तरह से आगे पर भी कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया।