Move to Jagran APP

अच्छे काम का बदरंग नतीजा !

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 09:10 PM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 09:10 PM (IST)
अच्छे काम का बदरंग नतीजा !

सुल्तानपुर

loksabha election banner

कहावत है कि होम करते हाथ जलता है, लेकिन अच्छे काम की प्रशंसा होनी चाहिए और उसे निर्बाध गति भी मिलनी चाहिए। बेसिक शिक्षा विभाग में निठल्ले गुरुओं को कसने का सिलसिला जारी है। विभाग में हड़कंप है। मोटी पगार लेकर मनमानी करने वाले शिक्षकों पर लगातार निलंबन की कार्रवाई से ये संख्या सौ पार कर गई है। पर, इसी कार्रवाई के दौरान एक समस्या भी आन खड़ी हो गई। शिक्षकों की कमी पहले से ही थी अब निलंबित शिक्षक बीआरसी से अटैच होने के कारण कुछ स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति आ गई है। यानी काम अच्छा था पर उसका नतीजा बदरंग दिखने लगा है। स्कूलों में शिक्षकों का टोटा होता जा रहा है। लेकिन यह सोचकर कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए बल्कि और सक्रियता की जरूरत है ताकि बदमिजाज और बेहद लापरवाह और नौनिहालों के भविष्य को चौपट करने वाले गुरुओं को उनकी सही जिम्मेदारी का एहसास करा दिया जाए।

जुलाई माह में जब नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत हुई तो जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बेसिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था बनाने के लिए एक सार्थक शुरूआत की। आखिरी हफ्ते से रोजाना विभिन्न महकमे के अधिकारियों के जरिए जिले में विद्यालयों का सामूहिक निरीक्षण शुरू हुआ। अभी यह सिलसिला चल ही रहा था कि नवागत बीएसए रमेश यादव ने अपने स्तर से भी ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण कर शिक्षकों को मौके पर ही दंडित करने की कार्रवाई शुरू कर दी। सात अगस्त से बीएसए ने पांच राउंड में करीब डेढ़ हजार विद्यालयों का औचक निरीक्षण कराया, जिसमें सवा सौ शिक्षक गैरहाजिर मिले। इन्हें मौके पर ही निलंबित करके संबंधित विकास क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संबद्ध किया जा चुका है। नतीजा है कि अब विद्यालयों में शिक्षकों का अकाल है। कहीं शिक्षामित्र तो कहीं अनुदेशक ही प्राइमरी स्कूल चला रहे हैं। जूनियर हाईस्कूलों के अध्यापकों के निलंबित हो जाने से पड़ोसी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक ताले खोल रहे हैं। पठन-पाठन एवं सर्वशिक्षा अभियान की तमाम योजनाओं की न तो निगरानी हो पा रही है और वैकल्पिक इंतजाम ही हो पाए हैं।

इनसेट..: इन विद्यालयों की हालत बदतर

सुल्तानपुर : शिक्षकों के निलंबन से लम्भुआ, करौंदीकला, अखंडनगर, दोस्तपुर, पीपी कमैचा के तमाम विद्यालयों का हाल-बेहाल है। सबसे बदतर स्थिति है लम्भुआ के खुनशेखपुर जूनियर हाईस्कूल की। यहां अरुणेंद्र विक्रम इकलौते शिक्षक थे। गैरहाजिर होने पर निलंबित कर दिए गए। पखवारा से ज्यादा वक्त बीत चुका है। पड़ोसी प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक के जिम्मे इस जूनियर हाईस्कूल की पढ़ाई भी कर दी गई है। कसाई टोला प्राथमिक विद्यालय भी शिक्षक समरनाथ के निलंबन से बंद होने की कगार पर है। गोविंदपुर प्रावि भी निलंबन से बंद होने की स्थिति में है। अखंडनगर के दो प्राथमिक विद्यालय अध्यापक विहीन हो चुके हैं। करौंदीकला में तीन जूनियर, दो प्राथमिक, दोस्तपुर में दो प्राथमिक व एक जूनियर हाईस्कूल भी शिक्षक विहीन हो गया है।

इनसेट..: गंभीर हुआ प्राशिसं

सुल्तानपुर : विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने के नाम पर औचक निरीक्षण की कार्रवाई को एक तरफ सराहना तो मिल रही है, वहीं कई सवाल भी मौजूं हो गए हैं। निलंबन की शिकार ज्यादातर वे महिलाएं हो रही हैं जो शहर से गांव-देहात के स्कूलों में नौकरी कर रही हैं। ज्यादातर निरीक्षण पौने सात से साढ़े सात के मध्य ही हो रहा है। चंद मिनटों की देरी शिक्षकों के लिए महंगी पड़ रही है। प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि विद्यालय में समय से शिक्षकों की उपस्थिति जरूरी है, लेकिन बिना आरोपी से स्पष्टीकरण लिए ही निलंबन की कार्रवाई औचित्यपूर्ण नहीं कही जा सकती है। जबर गुट के जिलाध्यक्ष गंगाप्रसाद दुबे व लल्लन गुट के जिला संयोजक दिलीप पांडेय दोनों ही मतैक्य हैं कि महकमे के उच्चाधिकारी को कार्यवाही को लेकर पुनर्विचार करना होगा।

इनसेट..: ये है शासनादेश

सुल्तानपुर : बेसिक शिक्षा अधिनियम प्रस्तर -09 (23, जुलाई 2013) कहता है कि शिक्षकों की अनुपस्थिति एवं अनुशासन आदि को लेकर प्रथम स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए। तदंनुसार जांच के बाद दंड तय किया जाना चाहिए।

इनसेट..: पहले से है तीस फीसद शिक्षकों की कमी

सुल्तानपुर : जिले में 1441 प्राथमिक व 601 जूनियर हाईस्कूल हैं। महकमे की नियमावली के मुताबिक प्रत्येक विद्यालय में चालीस बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए। लेकिन 6125 के सापेक्ष तैनात हैं सिर्फ 4286 शिक्षक। यानी तीस फीसद की पहले से ही कमी है। ऐसे में निलंबन की कार्यवाही कोढ़ में खाज बन गई है।

इनसेट..: अधिकारी नहीं मानते, 'कुछ गलत हो रहा है'

सुल्तानपुर : 'जागरण' ने शिक्षकों के निलंबन पर बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव के सीयूजी नंबर संपर्क साधा तो उपजिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओंकार सिंह मिले। उन्होंने बताया कि बीएसए विभागीय कार्यवश लखनऊ गए हुए हैं। सिंह का कहना था कि विद्यालय व्यवस्था सुचारु बनाने के लिए औचक निरीक्षण एवं निलंबन की कार्यवाही पूरी तरह जायज है। विद्यालय में भी पठन-पाठन कतई अव्यवस्थित नहीं है। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत पड़ोसी विद्यालयों के शिक्षक पठन-पाठन का दायित्व निभा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.