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होनहार युवतियों के लिए उदाहरण बनीं साक्षी

सूबे के सर्वाधिक आदिवासी बहुल जपपद सोनभद्र में कभी अशिक्षा ही अशिक्षा थी। जागरूकता नाम की कोई चीज नहीं थी। पढ़े-लिखे लोग खोजे नहीं मिलते थे। उसी जिले में अगर कोई देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा में सफल हो तो सुखद आश्यर्च होना लाजिमी है। उसमें भी अगर कोई छात्रा महज 22 साल की उम्र में यह परीक्षा पास कर ले तो वह निश्चित तौर पर उसे जिले की अन्य छात्र-छात्राएं रोल माडल मानेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 06:29 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 09:35 PM (IST)
होनहार युवतियों के लिए उदाहरण बनीं साक्षी
होनहार युवतियों के लिए उदाहरण बनीं साक्षी

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सूबे के सर्वाधिक आदिवासी बहुल जनपद में कभी पढ़े-लिखे लोग खोजे नहीं मिलते थे। उसी जिले में अगर कोई देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा में सफल हो तो सुखद आश्चर्य होना स्वाभाविक है। उसमें भी अगर कोई छात्रा महज 22 साल की उम्र में यह परीक्षा पास कर ले तो वह निश्चित तौर पर उसे जिले की अन्य छात्राएं रोल माडल मानेंगी।

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जी हां, इन दिनों होनहार छात्राओं के लिए यहां की रोल मॉडल बनी हैं राब‌र्ट्सगंज निवासी साक्षी गर्ग। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 350वां रैंक हासिल कर इसी साल इतिहास रचा। जिले में इससे किसी भी छात्रा को यह सफलता नहीं मिली थी। साक्षी ने यह कठिन साधना अपने पिता कृष्ण कुमार गर्ग के सपने को साकार करने के लिए किया।

राब‌र्ट्सगंज नगर के कपड़ा व्यवसायी रतनलाल गर्ग के बड़े पुत्र कृष्ण कुमार गर्ग का सपना था कि वह देश की प्रतिष्ठित परीक्षा को पास कर अफसर बनें। लेकिन किन्हीं परिस्थितियों की वजह से वे नहीं बन सके। उनकी बड़ी पुत्री साक्षी ने कृष्ण कुमार के सपने को अपना सपना बनाया और उसे साकार करने के लिए शुरू कर दी कठिन साधना। ¨हदी माध्यम से पढ़ाई और यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुईं। दूसरी बार में साक्षी ने 350वां रैंक हासिल कर लिया। साक्षी वर्तमान समय में मसूरी के आइएएस एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही हैं।

साक्षी गर्ग को जिले की छात्राएं रोल माडल इस लिए मान रहे हैं, क्योंकि वह अपनी कठिन साधना के दम पर महज 22 साल की उम्र में ही यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया। साक्षी की पूरी पढ़ाई जिले से हुई है। हाईस्कूल तक की पढ़ाई संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व इंटरमीडिएट प्रकाश जीनियस इंटर कालेज से किया। स्नातक की पढ़ाई के साक्षी ने राजकीय महिला महाविद्यालय राब‌र्ट्सगंज में प्रवेश लिया। उसी समय से तैयारी करने लगी और स्नातक पूरा होने के एक साल बाद ही यह सफलता हासिल कर लीं। हालांकि इस बीच उन्होंने एमए के लिए भी इलाहाबाद के एक कालेज में प्रवेश लिया था।


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