नक्सलियों के संबंधियों की पुलिस बनाएगी कुंडली
छत्तीसगढ़ में होने वाले नक्सली हमलों और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से ही यूपी के सोनभद्र में अलर्ट जारी हो गया है। वहां घटना को अंजाम देकर पड़ोसी राज्य के जनपद में न जाएं ऐसी संभावना को लेकर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। नक्सल सेल एलआइयू स्थानीय पुलिस पीएसी सीआरपीएफ की पूरी टीम लगी हुई है। इसी कड़ी में ऐसे लोगों की सूची बनायी जा रही है जो किसी भी तरह से नक्सलियों के रिश्तेदार हैं या उनके संबंधी हैं। वहां आने-जाने वालों पर भी नजर रखी जाएगी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : छत्तीसगढ़ में होने वाले नक्सली हमलों और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से ही यूपी के सोनभद्र में अलर्ट जारी हो गया है। वहां घटना को अंजाम देकर पड़ोसी राज्य के जनपद में न जाएं ऐसी संभावना को लेकर पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। नक्सल सेल, एलआइयू, स्थानीय पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ की पूरी टीम लगी हुई है। इसी कड़ी में ऐसे लोगों की सूची बनायी जा रही है जो किसी भी तरह से नक्सलियों के रिश्तेदार हैं या उनके संबंधी हैं। वहां आने-जाने वालों पर भी नजर रखी जाएगी।
पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के नक्सलियों का संबंध पूर्व में जिले के कुछ लोगों से रहे हैं। पहले जब नक्सलवाद चरम पर था तो वहां घटना को अंजाम देने के बाद यहां आकर वे छिप जाते थे। उनके कुछ रिश्तेदार पनाह भी देते थे। पुलिस की सक्रियता के कारण उन्हें यूपी में पनाह मिलना बंद हुआ तो वे उधर ही सिमट कर रह गए। चूंकि छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्य है। वहां के तीन जनपदों सनावर, रघुनानगर और बलरामपुर यहां के दुद्धी, बीजपुर और बभनी की सीमा से सटा है। संभव है कि झारखंड में जब सख्ती होगी तो वे भागकर यहां पनाह लेने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में पूर्व में जहां नक्सलियों ने पनाह लिया था या वहां के नक्सलियों के जो रिश्तेदार हैं उनकी सूचना बनाकर पूरी जानकारी रखी जा रही है। जेल में मिलने वालों पर नजर
जिला कारागार गुरमा में वर्तमान समय में दो नक्सली निरुद्ध हैं। एक महिला नक्सली और दूसरा पुरुष। इन दोनों से कब, कौन मिलने आ रहा है इस पूरी नजर रखी जा रही है। पुलिस विभाग वहां से मिलने वालों के मोबाइल नंबर, आधार नंबर भी लेकर उनकी जांच कर रही है। बता दें कि गत दिनों पुरुष नक्सली से उसके परिवार के लोग मिले। महिला नक्सली अभी 31 दिसंबर को ही मीरजापुर कारागार से यहां स्थानांतरित होकर आई है। लगातार कांबिग, इनपुट पर खास ध्यान
पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहा है। इस लिए यहां भी सतर्कता है। जहां कहीं भी पूर्व में नक्सली पनाह लिए थे ऐसे स्थलों को चिन्हित कर उनपर निगरानी की जा रही है। वहां के नक्सलियों के रिश्तेदारों या किसी भी तरह के संबंधियों पर भी नजर रखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के एसपीओ, थानाध्यक्षों व खुफिया तंत्र को पूरी तरह से सतर्क कर दिया गया है। किसी भी कीमत पर नक्सलियों को जिले में पांव नहीं रखने दिया जाएगा। इसके मद्देनजर कांबिग भी लगातार की जा रही है।