सीमावर्ती रमडीहा में कोरोना संक्रमित मिलने से दहशत
सोनभद्र सीमा से सटे मध्यप्रदेश के रमडीहा गाँव में एक युवक के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद सीमावर्ती इलाके में दहशत फैल गयी।
जासं, ओबरा (सोनभद्र) : जिले की सीमा से सटे मध्यप्रदेश के रमडीहा गांव में एक युवक के कोरोना पाजिटिव मिलने के बाद दहशत फैल गई। उक्त युवक कीहिस्ट्री में घोरावल सहित जिले के कई सीमावर्ती इलाके आने के बाद चिता के बादल मंडराने लगे हैं। सोमवार को जबलपुर से रिपोर्ट आने में युवक के कोरोना पाजिटिव मिलने पर पूरे गांव को सील कर दिया गया है।
मंगलवार को सिगरौली प्रशासन ने पूरे गांव का मुआयना शुरू करने के साथ ही युवक के संपर्क में आए लोगों की जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि 19 वर्षीय युवक गत 15 मई को मुंबई से विभिन्न साधनों से घोरावल पहुंचा था। इसके बाद उसके पिता उसे साइकिल से सिगरौली जनपद के चितरंगी तहसील के रमडीहा अपने गांव ले गए थे। तबियत खराब होने पर उसे 16 मई को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। वहीं से उसका स्वैब जबलपुर भेजा गया था। सीमावर्ती सिगरौली में कोरोना पाजिटिव पाए जाने का यह पहला मामला है ।
लापरवाही से बढ़ रही है चिंता
मुंबई से आए युवक के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद रमडीहा सहित सोनभद्र के आधा दर्जन सीमावर्ती टोलों में हलचल बढ़ गई है। 16 मई को जिन युवकों द्वारा उसे सिगरौली जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था उन्हीं युवकों में एक के यहां गृह प्रवेश का कार्यक्रम आयोजित हुआ था। जिसमें सीमावर्ती कई गांव के लोगों ने शिरकत की थी। इसके अलावा सोनभद्र के नेवारी से खरीदारी भी की गई थी। रेणुकापार के सीमावर्ती इलाके में लगातार प्रवासी मजदूरों की आमद के कारण दहशत पहले से बनी थी। सोमवार के बाद उसमें और बढ़ोतरी हो गई है। गत एक पखवाड़े में रेणुकापार के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 60 से ज्यादा मजदूर सूरत से आए हैं। लेकिन, एक भी मजदूर को ना तो क्वारंटाइन किया गया और न ही उनकी जांच की गई। तमाम ग्राम प्रधानों की सुचना के बावजूद जिला प्रशासन की गैरहाजिरी के कारण मजदूर अपने घरों को चले गए। सभी मजदूर धड़ल्ले से गांव में विचरण कर रहे हैं। गढ़वा सहित यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कई जिलों में सूरत सहित महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। वही सोनभद्र में इनका कोई भी पुरसाहाल लेने वाला नहीं है। हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते तीन मई को 40 से ज्यादा मजदूर एक कंटेनर में भरकर सूरत से आए। लेकिन प्रशासन ने इसपर जरा भी तवज्जों नहीं दिया। यहीं नहीं सात मई की देर रात पांच तथा आठ मई को पांच और मजदूर सूरत से वापस आए हैं। इन सभी मजदूरों के बारे में ग्राम प्रधानो ने प्रशासन को सूचना दी लेकिन किसी भी मजदूर के बारे में प्रशासन ने जानकारी नहीं ली।