पीएफ घोटाले पर विद्युत कर्मियों ने किया प्रदर्शन
बिजली कामगारों के भविष्यनिधि में हुए घोटाले के विरोध और तमाम समस्यायों के समाधान को लेकर मंगलवार को बिजली कामगारों ने प्रदेशव्यापी कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किया।
जासं, अनपरा/ओबरा : पीएफ घोटाले को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर मंगलवार की शाम चार बजे अनपरा तापीय परियोजना मुख्य द्वार व ओबरा परियोजना चिकित्सालय के पास विभिन्न संगठनों के विद्युत कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। अभियंता संघ के अध्यक्ष जीके मिश्र एवं मणिन्द्र नाथ ने कहा कि विद्युत कर्मियों की जीपीएफ, सीपीएफ में निवेशित समस्त धनराशि की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ली जाए।
दरअसल, संघर्ष समिति एवं पावर कारपोरेशन प्रबंधन के बीच सोमवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही, जिससे क्षुब्ध होकर संघर्ष समिति पीएफ घोटाले के विरोध में व अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। 18 व 19 नवंबर को पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार किया जाएगा। वक्ताओं ने निजीकरण, वेतनविसंगती, रिक्त पदों पर भर्ती, संविदा कर्मियों का नियमितिकरण व पुरानी पेंशन बहाली समेत अन्य समस्याओं पर प्रकाश डाला। कर्मचारियों के जीपीएफ व सीपीएफ भुगतान को ईपीएफओ में हस्तांतरित करने के बजाय ट्रस्ट की कार्यप्रणाली को और पारदर्शी बनायी जाए। अभियंता संघ अनपरा के क्षेत्रीय सचिव रोहित राय ने विचार व्यक्त किए।
वहीं ओबरा में सभा को प्रमुख रूप से इं अदालत वर्मा, योगेन्द्र प्रसाद, अम्बुज सिंह, दीपक कुमार सिंह, मनीष श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश सिंह, शशिकान्त श्रीवास्तव, लालचंद ने संबोधित किया। अध्यक्षता इं बीएन सिंह व संचालन सत्य प्रकाश सिंह ने किया। इसमें राजकुमार गुप्ता, एके सागर, बाल मुकुंद यादव, शमशाद अहमद, अंकित प्रकाश, संजय सिंह, पशुपति नाथ आदि थे। मुख्यमंत्री के निर्णय का किया स्वागत
अधिकारी एसोसिएशन के महासचिव उत्पल शंकर व जामवंत प्रसाद ने जीपीएफ व सीपीएफ फंड घोटाले की जांच सीबीआइ से कराए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की मांग है कि ट्रस्ट में निवेशित धनराशि की जिम्मेदारी सरकार ले। निवेश की गई धनराशि का विवरण प्रतिवर्ष एसोसिएशन को लिखित रूम में अवगत कराया जाए।