डीएम पर दिखा असर, एसपी कार्यालय रहा खाली
मुख्यमंत्री का फरमान गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रभावी दिख तो वहीं इसके उलट पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर स्थिति विपरीत रही। 12 जून को सीएम योगी ने सभी जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सुबह नौ से दस बजे तक जनता की समस्या सुनने का निर्देश दिया। जिसके क्रम में गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने इसकी पड़ताल की।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : हर दिन समस्या सुनने का मुख्यमंत्री का फरमान गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रभावी दिखा तो वहीं इसके उलट पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर स्थिति विपरीत रही। 12 जून को सीएम योगी ने सभी जिले के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सुबह नौ से दस बजे तक जनता की समस्या सुनने का निर्देश दिया। इसके क्रम में गुरुवार को सुबह नौ से दस बजे तक दैनिक जागरण की टीम ने इसकी पड़ताल की। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल के लखनऊ से आने में विलंब हुए तो उन्होंने तय समय पर एसडीएम (ओसी) राजकुमार को अपने कार्यालय में बैठने का निर्देश दिया। तय समय पर एसडीएम (ओसी) राजकुमार जिलाधिकारी कार्यालय में बैठकर आए फरियादियों की समस्याओं को सुना, जबकि इसके विपरीत पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर पूरी तरह से सन्नाटा रहा। एसपी आफिस में एक भी कर्मचारी सुबह साढ़े नौ बजे तक उपस्थित नहीं रहा और न ही एक भी फरियादी दिखा। बताया गया कि पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल वैसे 15 जून तक अवकाश पर हैं, लेकिन अन्य मातहतों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया। अभी ऐसा कोई आदेश नहीं मिला
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सुबह नौ बजे से कोई अधिकारी कार्यालय में न बैठने के प्रश्न पर अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय ओपी सिंह ने बताया कि अभी तक शासन से ऐसा कोई भी निर्देश हम लोगों को नहीं मिला है। सुबह दस बजे से जनता की समस्या सुनने के लिए व्यवस्था है, अगर ऐसा कोई भी आदेश शासन की तरफ से आता है तो निश्चित रूप से उसको अमल में लाया जाएगा। पुलिस अधीक्षक अभी अवकाश पर हैं, बावजूद इसके अगर कोई नया दिशा-निर्देश आता है तो उस पर काम किया जाएगा। केस एक..
सुबह के 9 बजकर 10 मिनट हो रहा था। दुद्धी तहसील के ग्राम जोरूखाड़ से करीब दस की संख्या में आए ग्रामीण कलेक्ट्रेट गेट पर खड़े थे। इसी बीच जागरण टीम की नजर इन पर पड़ी। पूछने पर बताया कि वह वन भूमि पर वर्षों से काबिज हैं लेकिन गत कुछ समय से दूसरे गांव के दबंग लोग हम लोगों को वहां से विस्थापित करना चाहते हैं। इसलिए डीएम साहब से मिलने के लिए आए हैं। उन्होंने हम लोगों से पूछा भाई साहब, डीएम साहब कहां पर बैठते हैं, पता मिलने के बाद वह सीधे जिलाधिकारी कक्ष में पहुंचे। वहां पर एसडीएम ओसी पहले से ही बैठे हुए थे, मिलने के बाद उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। ओसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्या समाधान की बात कही, कहा कि डीएम के आने के बाद उन्हें भी इसकी जानकारी दी जाएगी। केस दो..
नगवां से चलकर आए बुजुर्ग राममिलन (80) जिलाधिकारी कार्यालय में प्रवेश करते हैं। पूछने पर बताया कि साहब गर्मी बहुत है, इसलिए सुबह-सुबह ही यहां के लिए निकल लिया, ताकि जल्द घर वापस हो जाऊं। बताया कि पड़ोसियों द्वारा उनकी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है, इसकी शिकायत संबंधित ब्लाक व पुलिस को किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हार कर आज जिलाधिकारी से मिलने के लिए आया हूं, जब उन्हें पता चला कि अभी जिलाधिकारी नहीं आए हैं तो वह थोड़ा मायूस हुए लेकिन चैंबर में पहले से बैठे ओसी ने उनकी समस्या को सुना और उसके समाधान का आश्वासन दिया। इतना कुछ होने के बाद वह थोड़ा शांत हुए और अपने घर के लिए निकले।