डीएम की पहल, शौचालयों की होगी कोडिग
सोनभद्र आवास में धांधली रोकने के लिए मास्टर रजिस्टर बनाया जाता है उसी तरह से अब शौचालय निर्माण में होने वाली धांधली को रोकने के लिए कोडिग कराने की पहल जिलाधिकारी एस राजलिगम ने किया है। इससे फर्जीवाड़ा तो रोका ही जाएगा गबन भी होने से बचाया जा सकेगा। चार अलग-अलग योजनाओं से गांवों में बनने वाले शौचालयों की कोडिग अलग-अलग रंग से की जाएगी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आवास में धांधली रोकने के लिए मास्टर रजिस्टर बनाया जाता है अब उसी तरह से शौचालय निर्माण में होने वाली धांधली को रोकने के लिए कोडिग कराने की पहल जिलाधिकारी एस राजलिगम ने की है। इससे फर्जीवाड़ा तो रोका ही जाएगा, गबन भी करने से बचाया जा सकेगा। चार अलग-अलग योजनाओं से गांवों में बनने वाले शौचालयों की कोडिग अलग-अलग रंग से की जाएगी। इससे जांच के दौरान अधिकारी आसानी से समझ सकेंगे कि शौचालय का निर्माण किस योजना के तहत किया गया है। शौचालयों पर कोड नंबर चढ़ाने की जिम्मेदारी ग्रामीण सफाई कर्मियों को दी जाएगी।
जिला पंचायत राज अधिकारी आरके भारती ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन 2014 से शुरू हुआ। इसके तहत एक लाख 95 हजार 238 शौचालयों का निर्माण सभी ग्राम पंचायतों में कराया गया। एवं एलओबी (लेफ्ट आउट बेस लाइन सर्वे) प्रथम में 65 हजार 442 एएलओबी द्वितीय में 16 हजार 540, एनएलओबी में 19 हजार 203 यानी कुल दो लाख 95 हजार 423 शौचालयों का निर्माण का लक्ष्य जनपद को मिला था। ग्राम पंचायतों में शौचालयों का निर्माण पूर्ण कराया जा रहा है। एनएलओ के अंतर्गत शौचालयों के निर्माण जनपद में चल रहे हैं। कहीं भी निर्माण में धांधली न होने पाए इसके लिए कोडिग की व्यवस्था की गई है। शौचालय पर कोड के साथ क्रमांक अंकित करने का निर्देश सभी एडीओ पंचायत को दे दिया गया है। एसबीएम के तहत निर्मित शौचालयों एस/क्रमांक डाला जाएगा, जिसे काले रंग के पेंट से लिखा जाएगा। एलओबी प्रथम के अंतर्गत निर्मित शौचालयों पर एल 1/ क्रमांक नीले रंग, एलओबी द्वितीय के अन्तर्गत एल 2/ क्रम संख्या लाल रंग से, एनएलओबी के अंतर्गत जो शौचालय निर्मित कराए गए हैं उन पर एनएल/क्रम संख्या को हरे रंग से लिखा जाएगा। ऐसे कराई जाएगी कोडिग
डीपीआरओ के मुताबिक निर्धारित रंग में कोडिग व क्रम संख्या लिखने के दौरान क्रम संख्या से लिखा जाएगा। जैसे किसी गांव में अगर 300 शौचालय बने हैं तो एक से 300 तक लिखा जाएगा। साथ ही विभाग अपने पास यह भी लिखकर रखेगा कि कौन सा कोड किस व्यक्ति का है। इससे अगर किसी का नाम कंप्यूटर में दोबारा चढ़ाया जाएगा तो स्वत: पता चल जाएगा। साथ ही क्रम संख्या कम हुई तो पता चल जाएगा कि शौचालय कम बना है। उसे पूर्ण कराया जाएगा। इसकी शुरूआत चतरा ब्लाक के सौली ग्राम पंचायत से की जा चुकी है। कोडिग के बाद सत्यापन भी कराया जाएगा।