सीएचसी में गायब मिले चिकित्सक
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कहने को तो उच्च स्वास्थ्य केंद्र है। सुविधाओं के नाम पर सब कुछ मौजूद होने के बावजूद भी रेफरर सेंटर बन गया है। हड्डी के डाक्टर न होने से दुर्घटना ग्रस्त मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। इसके अलावा डिजिटल एक्सरे हमेशा बंद रहता है। इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दैनिक जागरण के लाइव कवरेज के दौरान
जागरण संवाददाता, चोपन(सोनभद्र) : स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कहने को तो उच्च स्वास्थ्य केंद्र है। सुविधाओं के नाम पर सब कुछ मौजूद होने के बावजूद भी रेफर सेंटर बन गया है। हड्डी के डाक्टर न होने से दुर्घटना ग्रस्त मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। इसके अलावा डिजिटल एक्सरे हमेशा बंद रहता है।
दैनिक जागरण के लाइव कवरेज के दौरान मंगलवार को पता चला कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक राघवेंद्र सिंह विगत दो दिनों से लखनऊ मीटिग में गए हुए हैं, जो गुरुवार तक पहुंचेंगे। दंत चिकित्सक सर्जन डा. गौतम भी अपने चेंबर में मौजूद नहीं थे, डा. अभय कुमार छठ पूजा के मद्देनजर छुट्टी पर हैं। डा.चंद्रा और बाल रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ होम्योपैथिक डाक्टर डा.संजय सिंह ओपीडी की कमान संभाले हुए थे। एंटीबायोटिक की दवा अस्पताल में मौजूद नहीं है। उनकी जगह पर अमाक्सीसिलिन क्लाक्सासिलिन ग्रुप की दवाएं एंटीबायोटिक रूप में चलाई जा रही हैं। वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अक्सर ही दुर्घटना में घायल मरीज ही आते हैं। जिनको प्राथमिक उपचार के बाद रेफर करना ही महकमा उचित समझता है। दुर्घटना के बाद लोग सीएचसी तो पहुंचते हैं, लेकिन हड्डी रोग चिकित्सक की तैनाती न होने से ऐसे मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। अगर मरीज की गंभीर हालत है तो रास्ते में उसकी मौत भी हो जाती है। जबकि दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्र होने के चलते यहां पर हड्डी रोग डाक्टर का रहना बेहद जरुरी है। आपरेटर के नियमित अस्पताल न पहुंचने से डिजिटल एक्सरे मशीन अक्सर बंद रहती है। अस्पताल में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ था।