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आपसी सौहार्द का मिसाल बना उर्स,मांगी दुआएं

By Edited By: Published: Wed, 02 May 2012 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2012 08:21 PM (IST)
आपसी सौहार्द का मिसाल बना उर्स,मांगी दुआएं

सोनभद्र : ऐतिहासिक विजयगढ़ दुर्ग एक बार फिर आपसी सौहार्द का मिसाल बना। हजारों अकीदतमंदों ने सैयद हजरत मीरान शाह बाबा के मजार पर बुधवार को अकीदत व एहतराम के साथ चादर चढ़ा कर मन्नतें मांगी। मौका था हजरत मीरान शाह बाबा का सालाना उर्स।

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बाबा मीरान शाह के सालाना उर्स में शिरकत करने के लिए जायरीनों का जत्था विजयगढ़ दुर्ग पर मंगलवार की शाम से ही पहुंचने लगा था। दुर्ग के दरवाजे तक का सफर करने से पहले जायरीन मऊ गांव में रूक कर पानी व अन्य सामानों का पुख्ता इंतजाम करने के बाद ही आगे बढ़ते। हालांकि तमाम लोग दुर्ग के दूसरे रास्ते खिड़की का भी सफर तय किए। मंगलवार की शाम से शुरू हुआ जायरीनों के आने व जाने का सिलसिला बुधवार की देर रात तक जारी रहा। बुधवार की शाम तक करीब 40 हजार के आसपास जायरीन उर्स के लिए दुर्ग पहुंच चुके थे। दुर्ग का चप्पा चप्पा जायरीनों से गुलजार रहा। जायरीनों की सुविधा के लिए रात को दुर्ग तक जाने वाले मार्ग को बिजली से रोशन किया गया था। उर्स में हिन्दू मुस्लिम एकता का अनूठा संगम देखने को मिला। सभी ने बाबा के मजार पर पहुंचकर मत्था टेका। जनपद के अलावा कई प्रदेशों व जिलों के जायरीन यहां चादर चढ़ाने व मुरादे मांगने आते हैं। उर्स इंतेजामिया कमेटी की ओर से गागर चादर बाबा की मजार पर चढ़ाई गई। इस दौरान कमेटी की ओर से लंगर का भी आयोजन किया गया था।

कुरान की तिलावत से गुलजार रहा मजार : बाबा के मजार पर एक तरफ जहां पुरूष मत्था टेकते और दुआ मांगते तो दूसरी तरफ महिलाएं कुरान की तिलावत कर अधिक से अधिक सवाब पाने में तल्लीन रही। उर्स कमेटी द्वारा मजार के पास अलग से महिलाओं के बैठने की व्यवस्था की गई थी।

बच्चों ने खिलौने की खरीदारी : विजयगढ़ दुर्ग पर जहां अकीदत मंद बाबा के मजार पर फातिहा पढ़ने में लगे हुए थे वहीं बच्चे इस मौके पर लगे मेले का लुत्फ उठा रहे थे। कोई सीटी खरीद रहा था तो कोई गुड़िया लेने में मोलभाव कर रहा था।

जवाबी कव्वाली में झूमे लोग : हर वर्ष की तरह इस बार भी बुधवार की शाम जवाबी कव्वाली हुई। रात नौ बजे के बाद शुरू हुई कव्वाली गुरुवार की तड़के तक चली।

पेयजल की रही किल्लत : उर्स मेले में जायरीनों की भारी भीड़ की वजह से पेयजल की भारी किल्लत रही। जायरीन पीने के पानी के लिए खिड़की के रास्ते से नीचे जाकर हैंडपंप से पानी ला रहे थे। किले पर ठंडे पानी की बोतलें और प्लास्टिक पाउच मनमाने दाम पर बिक रहे थे। किले पर पेयजल की उचित व्यवस्था न होने से जायरीनों को परेशानी झेलनी पड़ी।

जाम के झाम में फंसे : विजयगढ़ दुर्ग पर पहुंचने के लिए जायरीनों को तमाम दुश्वारियों को झेलना पड़ा कहीं पथरीले रास्ते तो कहीं जाम की स्थिति। भारी वाहनों को बीच रास्ते में फंस जाने से जाम की स्थिति पैदा हो जा रही थी। लोगों को काफी मशक्कत के बाद निकलने का रास्ता मिल रहा था। बीच बीच में ट्रकों के फंस जाने से भी जाम लग जा रहा था।

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