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100 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : देश के सबसे ज्यादा व्यस्त औद्योगिक मालवाहक रेल मार्गों में शुमार च

By Edited By: Published: Wed, 15 Feb 2017 04:47 PM (IST)Updated: Wed, 15 Feb 2017 04:47 PM (IST)
100 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें
100 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : देश के सबसे ज्यादा व्यस्त औद्योगिक मालवाहक रेल मार्गों में शुमार चोपन-गढ़वा-¨सगरौली रेलमार्ग पर आधुनिकीकरण की प्रक्रिया तेज हो गयी है। रेलवे ट्रैक के जीर्णोद्धार, विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इस मार्ग पर 100 किमी प्रतिघंटा की गति से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। पूर्व-मध्य रेलवे के धनबाद मंडल के अंतर्गत आने वाले इस मार्ग पर विद्युतीकरण के साथ सिग्नल के आधुनिकीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।

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अलग-अलग फेज में बांटा गया काम

छह फेज में आधुनिकीकरण का कार्य बांटा गया है। सिग्नलों को आधुनिक कर दिया गया है। विद्युतीकरण के परीक्षण के तौर पर गढ़वा से मराल ग्राम तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई जा रही है। इसके अलावा दोहरीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। देश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के मुख्य परिवहन आधार चोपन-गढ़वा- ¨सगरौली रेलमार्ग पर बढ़ती व्यस्तता तथा काफी पुराना होने के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने इस पर गंभीर होते हुए भविष्य के लिहाज से इसका विकास करने की योजना तेज कर दी है। वर्तमान में एकल मार्ग तथा ट्रैक के काफी पुराने होने की वजह से परियोजनाओं के माल पहुंचने में देरी होती है। इसके कारण यात्री ट्रेनें भी अक्सर विलंबित हो जाती हैं। ऐसे में गत कई दशक से उपेक्षा का शिकार रहे चोपन-गढ़वा-¨सगरौली रेलमार्ग का आधुनिकीकरण बड़ा कदम है।

महत्वपूर्ण है रेलमार्ग

चोपन-गढ़वा-¨सगरौली रेलमार्ग औद्योगिक रूप से काफी महत्वपूर्ण रेलमार्ग है। देश की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की निर्भरता इस रेलमार्ग पर है। अगर इस मार्ग पर नजर डाला जाए तो ओबरा तापीय परियोजना, डाला सीमेंट फैक्ट्री, ¨हडाल्को एल्युमीनियम प्लांट, अनपरा तापीय परियोजना, बीजपुर एवं शक्तिनगर तापीय परियोजना के साथ एनटीपीसी एवं ¨सगरौली स्थित तमाम परियोजनाओं को कोयला एवं तेल इसी मार्ग से जाता है। इसके अलावा एनसीएल का कोयला भी इसी मार्ग से जाता है। जिसके कारण इसे देश के सबसे महत्वपूर्ण मालवाहक रेलमार्ग में शुमार किया जाता है। वर्तमान में आधा दर्जन से ज्यादा नई तापीय परियोजनाओं की स्थापना के साथ पुरानी परियोजनाओं के विस्तारीकरण की योजना चल रही है। इन परियोजनाओं की वजह से इस ट्रैक की व्यस्तता में भारी इजाफा होगा,लिहाजा इस ट्रैक के आधुनिकीकरण की आवश्यकता थी।

दोहरीकरण के लिए 2675.64 करोड़

रमना-¨सगरौली यानि चोपन-गढ़वा-¨सगरौली रेलवे लाइन लगभग 160 किलोमीटर लंबी इस लाइन के दोहरीकरण पर 2675.64 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके 2019-20 तक पूरा होने की संभावना है। धनबाद डिवीजन की यह लाइन झारखंड में गढ़वा, मध्य प्रदेश में ¨सगरौली तथा उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिलों से गुजरती है। अभी इस ¨सगिल लाइन पर 105 फीसद यातायात घनत्व है जिससे ट्रेनों में विलंब होता है।


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