बारिश के बाद धूप ने बढ़ाई मुश्किल
सोनभद्र: उमस से बेहाल लोगों के लिए रविवार का दिन रहमत बनकर आया लेकिन मंगलवार को एक बार फिर भीषण उमस
सोनभद्र: उमस से बेहाल लोगों के लिए रविवार का दिन रहमत बनकर आया लेकिन मंगलवार को एक बार फिर भीषण उमस से दो-चार होना पड़ा। गत दो दिनों से बारिश न होने के कारण गर्मी व उमस से लोगों का हाल बेहाल हो गया है। आलम यह है कि पंखे के नीचे भी चैन नहीं मिल पा रहा है। वहीं दूसरी ओर बारिश के कारण सड़कों पर जो कीचड़ फैले थे अब वह धूल का रूप अख्तियार कर लिए हैं। इसके कारण सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है। वैसे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग की मानें तो यही मौसम अभी कुछ दिन और रह सकता है। वैसे तो गतदिनों भी बादलों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी लेकिन उस समय केवल बीस मिनट ही बरस सके थे। इसके बाद अचानक पछुआ ने फिर जोर मारा जिससे गर्मी फिर बढ़ गई। पारा वापस 42 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। यह सिलसिला तीन चार दिन तक चला। शनिवार की शाम से मौसम फिर बदलता दिखाई दिया। बादलों को देख लोगों की आस जगी, पर भारी उमस से असमंजस की स्थिति भी बनी रही। पूरी रात उमस से परेशान लोगों को रविवार की सुबह पुरइवया ने राहत दी। अचानक चली पूरब की हवाओं की मदद से बादल बरस पड़े। यह सिलसिला रात तक चलता रहा। मौसम नम होने से तापमान तेजी से गिरा।
धान की नर्सरी के काम में आई तेजी
सोनभद्र : बारिश किसानों के लिए भी सौगात लेकर आई। लगातार कई घंटे रिमझिम बरसात से खेतों में पानी भर गया। इससे किसानों ने जोताई भी शुरू कर दी। बारिश के इंतजार में पिछड़ी धान की नर्सरी का कार्य भी तेज हो गया। रबी फसल की बर्बादी के बाद किसानों को जायद से उम्मीद थी, लेकिन मौसम इस राह में रोड़ा बना हुआ था। मौसम विज्ञानी मानसून के पिछड़ने व कमजोर होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में किसान अभी तक धान की नर्सरी लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। रविवार को हुई बारिश की जोरदार दस्तक के बाद इस कार्य में अचानक तेजी आ गई है।
स्वास्थ्य के प्रति रहें सतर्क
सोनभद्र: बरसात और उसके बाद का मौसम जलजनित व मच्छरजनित रोगों के लिए सबसे मुफीद माना जाता है। यही कारण है कि इस मौसम में उल्टी-दस्त और मलेरिया का प्रकोप दिखने लगता है। ऐसे में साफ-सफाई और स्वास्थ्य के प्रति बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। जनपद में हर वर्ष मच्छर जनित रोगियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होती जा रही है इसलिए स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर बहुत सतर्क है।