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बाल केंद्रित शिक्षण प्रणाली पर जोर

अनपरा (सोनभद्र) : डीएवी स्कूल अनपरा में रविवार की दोपहर राब‌र्ट्सगंज परिक्षेत्र स्थित विद्यालयों के

By Edited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 06:30 PM (IST)
बाल केंद्रित शिक्षण प्रणाली पर जोर

अनपरा (सोनभद्र) : डीएवी स्कूल अनपरा में रविवार की दोपहर राब‌र्ट्सगंज परिक्षेत्र स्थित विद्यालयों के लिए हिंदी, संस्कृत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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शुभारंभ प्राचार्य जेपी मिश्रा ने दीप जलाकर किया। डीएवी परासी की प्राचार्य संध्या पांडेय ने कहा कि बच्चों और शिक्षक के बीच व्यावहारिक संबंध होना चाहिए। हमें अपनी शिक्षण प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है। बाल केंद्रित शिक्षा प्रणाली में शिक्षक को कक्षा में बाल भाव प्रस्तुत कर शिक्षण कार्य कराना चाहिए। हिंदी भाषा व्याकरण में अलंकार, उपसर्ग, प्रत्यय, समास और कथा शिक्षण को कैसे प्रभावशाली बनाए जाने पर विशद् चर्चा की गई। विषय विशेषज्ञ के रूप में प्राचार्य जे पी मिश्रा ने व्याकरण को सरल और सहज तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि छात्रों की व्याकरणिक अशुद्धियों को दूर किए बिना भाषा पर पूर्ण अधिकार असंभव है। अलंकार विषय पर प्रेमा देवी ने विचार व्यक्त किए। संस्कृत भाषा व्याकरण में समास, प्रत्यय, वाक्य रचना बिंदू था। भाषा विशेषज्ञ के रूप में रामचंद्र झा ने भाषा कौशल के विषय में विस्तार से प्रकाश डाला। छात्रों में व्याकरण के प्रति रूचि कैसे पैदा करें, इस कौशल पर सम्यक प्रकाश डाला गया। प्रत्यय तथा समास के माध्यम से शब्द रचना एवं वाक्यों में इनका प्रयोग एवं वाक्य के माध्यम से वाक्य रूपांतरण एवं वाक्य रचना पर विशद् चर्चा की गई।


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