धान खरीद में लक्ष्य से 10 फीसद पीछे
सोनभद्र : धान खरीद की अंतिम तिथि 31 जनवरी को समाप्त हो गई। जिले में इस बार धान खरीद का लक्ष्य 45 हजा
सोनभद्र : धान खरीद की अंतिम तिथि 31 जनवरी को समाप्त हो गई। जिले में इस बार धान खरीद का लक्ष्य 45 हजार मीट्रिक टन रखा गया था। सूखे की मार झेल चुके जनपद में खरीद लक्ष्य को पाना काफी मुश्किल भरा माना जा रहा था लेकिन खरीद के अंतिम दिन तक विभाग ने 40 हजार एमटी (करीब 90 प्रतिशत) धान की खरीद की, जबकि हर साल से एक माह पहले ही धान खरीद का कार्य बंद कर दिया गया।
धान खरीद में हर बार की तरह इस बार भी खाद्य विभाग ने बाजी मारी। खाद्य विभाग के आठ केंद्रों ने अपने तय लक्ष्य से अधिक की खरीद की है। 30 हजार एमटी के लक्ष्य के सापेक्ष खाद विभाग ने करीब 32 हजार एमटी धान की खरीद की है, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। इसके बाद दूसरे स्थान पर पीसीएफ केंद्र रहा। वैसे भुगतान के मामले में पीछे रहने वाला यह केंद्र अपने निर्धारित लक्ष्य से धान खरीद में काफी पीछे रह गया। 15 हजार एमटी जिला प्रशासन ने पीसीएफ को खरीद का लक्ष्य दिया था, जिसके सापेक्ष विभाग ने 31 जनवरी तक लगभग सात हजार एमटी धान खरीद की। एफसीआइ के दो केंद्रों ने अंतिम तिथि तक करीब डेढ़ हजार एमटी धान की खरीद की। वहीं नेफेड का प्रदर्शन शून्य रहा।
खाद्य विभाग ने 45 करोड़ का किया भुगतान
किसानों को धान क्रय केंद्रों पर धान बेचने के बाद पैसे के लिए चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए शासन ने विशेष प्रयास किए थे। सभी क्रय केंद्रों को लक्ष्य के सापेक्ष पैसे का भुगतान कर दिया गया था। खाद विभाग ने धान खरीद के सापेक्ष करीब 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि शासन से विभाग को करीब 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। विपणन अधिकारी बीआर चतुर्वेदी ने बताया कि करीब पांच करोड़ रुपये शासन को वापस किया जाएगा। श्री चतुर्वेदी ने बताया कि इसके अलावा पीसीएफ ने किसानों में करीब पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया है, शेष साढ़े तीन करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। वहीं एफसीआइ ने भी किसानों में दो करोड़ रुपये भुगतान किया है।
52 केंद्र थे संचालित
जिला विपणन अधिकारी बीआर चतुर्वेदी ने बताया कि धान खरीद के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जनपद में चार एजेंसी के 52 क्रय केंद्र खोले गए थे जिसमें सर्वाधिक केंद्र पीसीएफ के थे। बताया कि 41 क्रय केंद्र पीसीएफ, आठ क्रय केंद्र खाद विभाग, दो क्रय केंद्र एफसीआई व एक नेफेड का था।