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अध्यादेश बिल वापस लेने की भरी हुंकार

बीना (सोनभद्र) : छह जनवरी से कोल श्रमिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय हड़ताल के मद्देनजर शनिव

By Edited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 06:17 PM (IST)
अध्यादेश बिल वापस लेने की भरी हुंकार

बीना (सोनभद्र) : छह जनवरी से कोल श्रमिक संगठनों द्वारा प्रस्तावित पांच दिवसीय हड़ताल के मद्देनजर शनिवार की दोपहर बीना आफिसर्स क्लब में स्थानीय संगठन के नेताओं ने बैठक कर हड़ताल को सफल बनाने की रूपरेखा तैयार की।

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बैठक में कोयला खदान अध्यादेश बिल-2014 का पूर्णतया विरोध करते हुए श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा 17 दिसंबर को रांची में आयोजित बैठक में छह से 10 जनवरी तक हड़ताल करने का निर्णय लिया गया है। हड़ताल के मुख्य मुद्दों का उल्लेख करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कोयला खान अध्यादेश बिल वापस लिया जाए। कोयला उद्योग का डी नेशनलाइजेशन के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। 42 कैप्टिव कोल माइंस में कार्यरत कर्मचारियों, ठेका, एजेंसी के हस्तांतरण को आर्डिनेंस-2014 में समाहित किया जाए। उक्त कैप्टिव माइंस में कार्यरत मजदूरों को एनसीडब्ल्यूए के वेतन व सुविधाएं प्रदान की जाए। स्थायी प्रकृति एवं अनवरत कार्य को संविदा के अंतर्गत बंद किया जाए। तकनीकी, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी में सामान्य नियुक्ति पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। पुर्नवास एवं पुर्नस्थापन नीति अधिनियम को पारदर्शी बनाया जाए। सीएमपीएफ-1948 एवं कोल माइंस पेंशन-1998 को संशोधित किया जाए। भारतीय रेलवे की भांति शारीरिक रूप से अक्षम कर्मियों को सेवानिवृत्ति देकर उनके आश्रितों को नौकरी दी जाए। बैठक में इंटक, बीएमएस, एटक, एचएमएस, सीटू आदि श्रमिक संगठनों के ओपी मालवीय, वाईएन सिंह, अशोक दुबे, अशोक पांडेय, मुन्नी लाल यादव, एनके सिंह, आरएन शर्मा, वीएस विष्ट, ओएन पांडेय, अजय कुमार, राजेंद्र कुमार, एसपी सिंह उपस्थित थे।


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