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रेला लौटा घर, घाट छूटे बेहाल, कहां हैं स्वच्छता के अलंबरदार

सोनभद्र : छठ पूजा की व्यापक गहमागहमी समाप्त होने के बाद घाटों का हाल चिंताजनक हो गया है जिसे यथाशीघ्

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 08:01 PM (IST)
रेला लौटा घर, घाट छूटे बेहाल, कहां हैं स्वच्छता के अलंबरदार

सोनभद्र : छठ पूजा की व्यापक गहमागहमी समाप्त होने के बाद घाटों का हाल चिंताजनक हो गया है जिसे यथाशीघ्र साफ नहीं कराया जा सका तो स्वाभाविक रूप से हालात चिंताजनक हो सकते हैं। चिंताजनक यह कि स्वच्छता अभियान के इस जारी दौर में भी कहीं ऐसी मुस्तैदी नहीं देखने को मिली कि पूजा की समाप्ति के तुरंत बाद घाटों की सफाई प्रारंभ करा दी जाए।

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डाला छठ के तुरंत बाद जागरण टीम ने जब घाटों का दौरा किया तो ज्यादातर घाटों का हाल चिंताजनक हो चुका मिला। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के मद्देनजर ऐसी त्वरित कार्रवाई या जागरुकता नदारद दिखी कि घाटों को गंदा न छोड़ दिया जाए। एक तरफ स्वच्छता बरतने का संदेश दिया जा रहा तो दूसरी तरफ पूजा के बाद नदी, नहर व तालाबों के घाटों पर गंदगी का अंबार छोड़ दिया गया है। सवाल यह है कि इतने हंगामेदार अभियान के बावजूद ऐसी संजीदगी क्यों नहीं आ सकी कि एक दिन की सफाई से काम नहीं चलने वाला। यह चेतना क्यों नहीं उत्पन्न हो पा रही कि कदम-कदम पर सफाई की निरंतरता जरूरी है। पूजा के अवसर पर जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग एक स्थान पर जुटे हों, स्वाभाविक रूप से अमुक स्थान पर अनुष्ठान संपन्न होने के तत्काल बाद सफाई कराई जानी चाहिए। यह आवश्यकता जिम्मेवारों को क्यों नहीं महसूस हो सकी। क्या पुराने अंदाज में यह गंदगी घाटों पर यों ही हफ्तों-महीने पड़ी रह जाएगी। क्या इस दिशा में नागरिक स्तरों से कोई दायित्व नहीं बनता।

घाटों पर जिस तरह छठ से पूर्व लोग पहुंचकर साफ-सफाई का प्रयास स्वयं के स्तरों से करते देखे गए हैं, ऐसी की कोशिश यदि पूजा संपन्न होने के बाद भी दिख जाती तो माना जा सकता था कि अभियान ने सबमें स्वच्छता-बोध को जगा दिया है। अफसोस कि ऐसा कोई सकारात्मक लक्षण या संकेत नहीं मिल पा रहा।

तालाबों का हाल बेहाल : छठ पर्व से पूर्व घाटों की साफ-सफाई जहां संजीदगी से हुई तो वहीं गुरुवार को हालत बेहाल दिखे। तालाबों के घाट पर हर तरफ पूजा के बाद कचरे का अंबार लगा दिखा। मेहुड़ी नगर के पास रहने वाले विमलेश मिश्र व प्रमोद राय ने बताया कि साफ-सफाई को लेकर किसी कोई चिंता नहीं है। पूजा के बाद शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति रहा हो जिसने घाटों से गंदगी हटाने का काम शुरू करता दिखा हो। रामसरोवर ेतालाब के पास रहने वाले विनोद कुमार व सुभाष पासी ने कहा कि तालाब के आसपास हर तरफ गंदगी का अंबार लग गया है। अगर नगरपालिका साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देती है तो भी हमलोग ही इसे साफ करवाएंगे। शिव सरोवर पोखरे के पास रहने वाले उमाकांत चतुर्वेदी व आनंद कुमार ने बताया कि पूजा के बाद गंदगी का अंबार हर तरफ है। पिछले तीन दिनों से अखबारों में फोटो छपवाने के लिए कई राजनीतिक दल के लोग झाडू लेकर यहां दिख जाते थे लेकिन आज किसी का पता नहीं है। अगर कोई नहीं आएगा तो हम लोग इसे साफ करेंगे।


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