रिम गियर चोरी मामले में दो अभियंताओं के नाम
ओबरा (सोनभद्र) : तीस लाख के चार रिम गियर की चोरी में दो अभियंताओं के और नाम आने पर तापीय परियोजना में हड़कंप मच गया है। निलंबित अवर अभियंता रामग्रह ने तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक व राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले में दो अन्य अभियंताओं को अंतर्लिप्त बताया है और मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
निलंबित अवर अभियंता के पत्र को आधार बनाकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के शाखा सचिव ई. सुनित सिंह ने मुख्य महाप्रबंधक को लिखे पत्र में कहा है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग है। उन्होंने कहा है कि जांच समिति में जेई संगठन के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना चाहिए।
परियोजना परिसर से तीस लाख रुपये मूल्य के चार रिम गेयर की चोरी विगत 19 अगस्त को हुई थी। बाद में मुख्य महाप्रबंधक व सीआइएसएफ के समादेष्टा की सख्ती से चारों रिम गियर रास पहाड़ी के खनन क्षेत्र से 23 अगस्त को बरामद हो गए थे।
चोरी की वारदात के एक दिन बाद ही जहां हवलदार आरपी कुमार को निलंबित कर दिया गया था, वहीं थर्मल परियोजना में तैनात जेई रामग्रह व चालक सुनील पर माल की बरामदगी के बाद गाज गिरी। जेई व चालक को भी निलंबित कर दिया गया। इस संदर्भ में थर्मल की ओर से ओबरा थाने में मामला दर्ज कराया गया, जिसमें रियाजुद्दीन उर्फ विक्की को मुख्य संदिग्ध बताया गया है।
दूसरी ओर, जानकारों का कहना है कि रिम गियर की मौजूदगी का महज भौतिक सत्यापन करा दिया जाए तो कई करोड़ की गड़बड़ी से पर्दा उठ सकता है। परियोजना के भीतर से तीन टन वजनी चार रिम गियर निकलना आसान नहीं था। थर्मल के चालक ने लॉक में खड़े दूसरे ट्रक से माल हवलदार को विश्वास में लेकर पेमेंट डिविजन गेट से बाहर निकाल लिया।
जेई संगठन ने सीजीएम से कहा है कि संदिग्ध लोगों के मोबाइल वार्तालाप के रिकार्ड खंगाले जाएं तो मामला और आईने की तरह साफ हो जा सकता है, जिससे दोषियों को सजा दिलाने और निर्दोष को बचाने में मदद मिल सकती है।