संविदा श्रमिकों ने फूंका आंदोलन का बिगुल
ओबरा (सोनभद्र) : विविध समस्याओं से जूझ रहे बिजली परियोजना में कार्यरत 20 व 25 वर्ष से कार्यरत संविदा श्रमिकों ने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। आंदोलन में 22 सितंबर से 27 सितंबर तक झरिया नाला तापीय परियोजना गेट पर क्रमिक अनशन और शाम पांज बजे प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन तय है।
मुख्य महाप्रबंधक को दिए गए पत्रक में विद्युत संविदा मजदूर संगठन के मंत्री बृजभान ने कहा है कि प्रशासनिक स्तर पर बार-बार सहमति बनने के बावजूद संविदा श्रमिकों की वाजिब मांगों को दरकिनार कर दिया जाता है, जिससे पिछले 20 व 25 ंवर्षो से कार्यरत संविदा श्रमिकों की समस्याएं घटने की बजाए बढ़ती जा रही हैं। आर्थिक संकट के चलते संविदा श्रमिकों का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है, जिससे उनकी मौत तक हो जाती है। इसके बावजूद शासन-प्रशासन में बैठे जिम्मेदार संविदा श्रमिकों की समस्याओं के निदान के संदर्भ में टस से मस नहीं हो रहे हैं।
ट्रेड यूनियन के एजेंडे में भी संविदा श्रमिक
अब कोई ऐसी ही ट्रेड यूनियन होगी, जिसमें संविदा श्रमिकों की समस्याओं को शामिल नहीं किया गया हो। तापीय या जल विद्युत परियोजनाओं में पद रिक्त होने के बाद नई भर्ती बहुत कम हो रही है, जिसके चलते संविदा श्रमिकों पर निर्भरता बढ़ गई है। परियोजनाओं में कार्यरत संविदा श्रमिकों के नियमितीकरण का मुद्दा बिजली प्रबंधन के उच्चाधिकारियों के सामने उठता जरूर है पर फिर वह ठंडे बस्ते में चला जाता है। अनुभव के आधार पर संविदा श्रमिकों को नियमित कर दिया जाए तो कार्य की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
प्रमुख मांगें:
अनुभव के आधार पर संविदा श्रमिकों को न्यूनतम कुशल मजदूरी दी जाए।
जनरल पाली, वाल मिल व रनिंग में कार्यरत संविदा श्रमिकों को 26 दिन काम दिए जाए।
संविदा श्रमिकों को पर्याप्त व बिजली, पानी सहित बेहतर आवास दिए जाए।
बोनस का भुगतान व न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाए।