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देश को एक सूत्र में पिरोती है हिंदी

By Edited By: Published: Tue, 16 Sep 2014 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 16 Sep 2014 07:13 PM (IST)
देश को एक सूत्र में पिरोती है हिंदी

सिंगरौली : हमारे देश की महानता है कि यहां तीन हजार से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, किंतु पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए राजभाषा की आवश्यकता है। भारत में हिंदी सर्वाधिक भाग में बोली व समझी जाने वाली भाषा है। यही कारण है कि इसे राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया है।

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एनसीएल में आयोजित राजभाषा पखवारे के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक निरंजन दास ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी भाषाओं का सम्मान करते हुए हमें राजभाषा हिंदी को बिना किसी हीन भावना के अपनाना चाहिए, क्योंकि जो भाषा हमारे संस्कार एवं जड़ों से जुड़ी हुई है, वहीं भाषा संप्रेषण का सटीक माध्यम है। उन्होंने बताया कि जिस देश ने निज भाषा को अहमियत दी उसने तरक्की की सीढि़यां चढ़ी। वरीय प्रबंधक आईईडी मनोज कुमार एवं मुख्य प्रबंधक कल्याण संजीव कुमार ने क्रमश: एनसीएल की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक शांतिलता साहू एवं गृहमंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह के राजभाषा पखवारा संदेशों का वाचन किया। 29 सितंबर तक चलने वाले राजभाषा पखवारे के दौरान राजभाषा हिंदी के प्रयोग से संबंधित विभिन्न तरह के कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं एनसीएल मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। 18 सितंबर को सभागृह में अधिकारी वर्ग के लिए निबंध प्रतियोगिता, 19 सितंबर को कर्मचारी वर्ग के लिए निबंध प्रतियोगिता, 20 सितंबर को प्रणाली विभाग में कंप्यूटर पर हिंदी टंकण प्रतियोगिता, 22 सितंबर को अधिकारी मनोरंजन गृह में प्रश्न मंच, 23 सितंबर को सभागृह में तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता, 26 सितंबर को सभागृह में टिप्पण और मसौदा लेखन प्रतियोगिता, 27 सितंबर को कवि सम्मेलन तथा 29 सितंबर को पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया गया है। महाप्रबंधक कार्मिक किशोर पाठक ने अतिथियों का स्वागत संबोधन किया तथा राजभाषा हिंदी के प्रयोग से जुड़ी व्यापक जानकारियां दी। धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक क्रय पीके सिन्हा ने किया।


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