आशाओं ने घेरा सीएमओ दफ्तर
सोनभद्र : विभिन्न मांगों को लेकर सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशा संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय का घेराव किया और नारेबाजी की। तत्कालीन सीएमओ पर अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाते हुए आशाओं ने प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
अध्यक्ष सूर्यवती पांडेय की अगुवाई में आशाएं सीएमओ दफ्तर पहुंची। सीएमओ डा. एबी सिंह दफ्तर में थे। आशाओं ने जमकर नारेबाजी की। कहना था कि आशाओं के भुगतान के लिए प्रतिपूर्ति की व्यवस्था सरकार ने जारी शासनादेश 816/2007 में की है। वर्ष 2006 से 2010 तक आशाओं का जननी सुरक्षा, जन्म मृत्यु पंजीकरण, कुष्ठ रोग, क्षय रोग, टीकाकरण व माह में होने वाली बैठकों के एवज में मिलने वाले धन का भुगतान नहीं किया। आशाओं ने तत्कालीन सीएमओ पर अनियमितता बरतने का आरोप भी लगाया। कहा कि यह मामला आशाओं ने उठाया तो तत्कालीन सीएमओ की नींद उड़ गई और आंदोलन को दबाने की नियत से अध्यक्ष सूर्यवती पांडेय की छह सितंबर 2010 को सेवा ही समाप्त कर दी।
आशाओं ने आशा संगिनी के चयन में भी धांधली का आरोप लगाते हुए मामले की जांच की मांग की है। आशाओं का कहना है कि आशा संगिनी के चयन में स्वास्थ्य महकमे के दो अधिकारियों ने आशाओं से जमकर वसूली की है। आशाओं ने संगिनी के चयन प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे से विज्ञापन जारी कर चयन करने की मांग की है।
इस मौके पर गीता देवी, संजू देवी, विंदा, शारदा, पूनम देवी, सरोज देवी, प्रभावती देवी, ऊषा, तारा देवी, रानी देवी, सुमनलता, गायत्री देवी, कलावती आदि उपस्थित थीं।
तीन अफसरों के खिलाफ खोला मोर्चा
आशा कार्यकर्ताओं ने जिले में अर्से से तैनात तीन अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सीएमओ को दिए गए मांग पत्र में कहा गया है कि जिला मलेरिया अधिकारी व दो उपमुख्य चिकित्साधिकारी नक्सल प्रभावित इस जिले में 10 से 15 वर्ष से तैनात हैं। इन अधिकारियों द्वारा जिले में कई अनियमितताएं बरती गई हैं। तीनों अफसरों का गैर जनपद तबादला कराने संबंधी शासन को रिपोर्ट भेजने की मांग सीएमओ से की गई है।