बेटियों के दर्द को कम न कर सका शासन-प्रशासन
सीतापुर : शहर कोतवाली के सिविल लाइंस मुहल्ले में हुई व्यापारी सुनील जायसवाल, उनकी पत्नी कामिनी और पु
सीतापुर : शहर कोतवाली के सिविल लाइंस मुहल्ले में हुई व्यापारी सुनील जायसवाल, उनकी पत्नी कामिनी और पुत्र रितिक की हत्या को डेढ़ माह बीत चुका है। पीड़ित बेटियों को सरकारी मदद तो देना दूर पुलिस उनके माता-पिता व भाई के हत्यारों को सलाखों के पीछे भी नहीं पहुंचा सकी है। तिहरे हत्याकांड से कहीं ज्यादा सूबे की सरकार और जिला प्रशासन की कार्यशैली ने इन बेटियों को झकझोर दिया है। ऐसे में अब हालात यह हो गए हैं कि यह बेटियां अपना व्यवसाय बंद कर बैंक का कर्ज अदा करने के लिए तिनका-तिनका जुटाने का प्रयास कर रही हैं।
ठीक 45 दिन पहले शहर के बीचो-बीच व्यापारी दंपती व पुत्र की लूट के इरादे से गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। तिहरे हत्याकांड के बाद परिवार में दो बेटियां रिचा व शिवानी जायसवाल ही शेष हैं। अपने माता-पिता व भाई के हत्यारों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक उन्होंने गुहार लगाई। बावजूद इसके नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस डेढ़ माह में दो आरोपितों शरीफ व सूरज को ही पकड़ सकी है। शेष दो आरोपित पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर हैं। माता-पिता व भाई की हत्या के बाद रिचा और शिवानी पर न सिर्फ कारोबार संभालने का जिम्मा आया, बल्कि बैंक से लिया गया कर्ज व अन्य उधारी चुकाने की भी जिम्मेदारी मिली। कर्ज को चुकाने के लिए बेटियों द्वारा बाजार में समस्त व्यापारियों के आगे बकाया धन दिए जाने की गुहार लगाई जा चुकी है, जिसमें अब तक कुछ ही हिस्सा वापस मिला है। अब तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई आर्थिक मदद भी नहीं दी गई है। हालात के आगे मजबूर होकर कारोबार बंद कर दिया है, रिचा अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के लिए इटावा तो शिवानी दिल्ली वापस लौट गई हैं। इन सबके बीच बैंक का कर्ज चुकाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। भाई की बाइक से लेकर तमाम अनावश्यक वस्तुओं को बेचने का प्रयास भी किया जा रहा है।
डेढ़ माह में हुई आश्वासनों की बरसात
छह जून की रात जब तिहरे हत्याकांड की वारदात को अंजाम दिया गया तो ऐसा लगा मानो समाज का हर एक वर्ग आगे आकर इन बेसहारा बेटियों के लिए अंत तक लड़ाई लड़ेगा। सड़क जाम करने से लेकर आमरण अनशन तक किए गए। जिले की प्रभारी मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी सहित सत्ताधारी दल के विधायक, सांसद इनके घर आश्वासन देने पहुंचे। विपक्ष भी इसमे पीछे नहीं रहा। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद व जायसवाल समाज के प्रदेश स्तरीय नेता इनके घर पहुंचे और सड़क से लेकर संसद तक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन, समय बीतने के साथ यह आश्वासन हवा-हवाई होते चले गए।
सिकती रहीं सियासी रोटियां
तिहरे हत्याकांड में तमाम संगठनों ने मुखर होकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया लेकिन, घटना के तीन दिन बाद से ही कई संगठन पुलिस व प्रशासन के प्रति नर्म होने लगे थे। कई व्यापारी नेताओं ने लोगों की नाराजगी का लाभ अधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाने में किया। यहीं नहीं राजनेताओं को व्यापारी के घर ले जाकर बेटियों से मुलाकात कराने के साथ मीडिया में अपनी फोटो प्रकाशित करवाने का एक भी मौका नहीं गंवाया।