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प्रेम से प्रभु की प्राप्ति : शास्त्री

सीतापुर : भक्ति में भाव हो तो वह सफल होती है। बिना भाव व प्रेम के भक्ति बेकार है। भगवान तो भाव के भू

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 12:35 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 12:35 AM (IST)
प्रेम से प्रभु की प्राप्ति : शास्त्री

सीतापुर : भक्ति में भाव हो तो वह सफल होती है। बिना भाव व प्रेम के भक्ति बेकार है। भगवान तो भाव के भूखे होते हैं। यह बात गंगागंज में भागवत कथा का पान कराते हुए व्यास मुनेंद्र शास्त्री ने कही। व्यास ने कहा कि मानव जीवन जिस उद्देश्य के लिए मिला है, उसे सार्थक करना है तो भक्ति मार्ग को ही अपनाना होगा। भक्ति मोह से विरक्तता का बोध कराती है। उन्होंने अनेक प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।


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