एक दिया शहीदों के नाम
नैमिषारण्य : हमारा अतुल्य भारत देश सदैव वीरों की वीरता के लिए प्रसिद्ध रहा है। सनातन काल में ज
नैमिषारण्य : हमारा अतुल्य भारत देश सदैव वीरों की वीरता के लिए प्रसिद्ध रहा है। सनातन काल में जहां हमारे देश में धनुर्धर अर्जुन, वीरपुत्र अभिमन्यु ने धर्म व न्याय की रक्षा में वीरता के कीर्तिमान स्थापित किये, वहीं मुगलों व अंग्रेजों से जंग में राणा सांगा, रानी लक्ष्मीबाई ने दुश्मनों को रण में धूल चटाई। उसके बाद देश की आ•ादी के महासमर में भगत ¨सह, सुभाष चंद्र बोस ने नई गाथा लिखी। इसके बाद देश की सीमाओं की रक्षा में हमारे रणबांकुरों ने अपने जौहर दिखाये। देश की रक्षा में सीतापुर की धरती पर जन्मे कैप्टन मनोज पांडेय ने भी अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। देश के ऐसे रणबांकुरों की वीरता और शहादत को नमन करना, उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना हम सभी का दायित्व है। इस दीपावली के मौके पर हम सब लोग मिलकर अपने देश के अमर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए अनिवार्य रूप से स्वयं तो एक दिया प्रज्ज्वलित करें, साथ ही लोगों को इस मुहिम के लिए प्रेरित करने का ²ढ़ संकल्प लें और देशधर्म का निर्वहन करें।
- अनिल कुमार शास्त्री,
व्यास पीठाधीश्वर (नैमिषारण्य)