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असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर बनाने को अभियान

सीतापुर : असामी से असंक्रमणीय और असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर बनाने के लिए जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठ

By Edited By: Published: Sun, 22 May 2016 11:22 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2016 11:22 PM (IST)
असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर बनाने को अभियान

सीतापुर : असामी से असंक्रमणीय और असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर बनाने के लिए जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने तहसील अफसरों को अभियान चलाकर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व के भूमिधरों के राजस्व अभिलेखों का मुआयना कर देखा जाए कि जो असामी व असंक्रमणीय भूमिधर संशोधित उप्र राजस्व संहिता में निर्धारित अवधि को पूरा कर रहे हैं, उन असामी भूमिधरों को असंक्रमणीय भूमिधर और असंक्रमणीय भूमिधरों को संक्रमणीय भूमिधर बनाने की कार्रवाई करें। मालूम हो कि जिलाधिकारी के इस आदेश का लाभ जिले के कई हजार भूमिधरों को मिलने जा रहा है।

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गौरतलब हो कि उप्र राजस्व संहिता (संशोधित) अध्यादेश-2015 बीती 11 फरवरी को लागू होने के बाद भू-राजस्व संबंधी तमाम मामलों में लोगों को राहत मिलेगी। इसी क्रम में बीते दिन बुधवार को जिलाधिकारी ने तहसील अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मालूम हो कि संशोधित अध्यादेश में जमीन के खातेदारों को कुल चार वर्गों में बांटा गया है। इस अध्यादेश के अध्याय-9 में जमीनी खाता के मामले में विस्तृत दिशा-निर्देश हैं। इसमें खातेदारी के वर्ग को संक्रमणीय अधिकार वाला भूमिधर, असंक्रमणीय अधिकार वाला भूमिधर, असामी व सरकारी पट्टे वाली जमीन को शामिल किया गया है। जानकारी हो कि अभी तक असंक्रमणीय से संक्रमणीय भूमिधर के लिए 10 वर्ष की समय-सीमा निहित थी, लेकिन संशोधित अध्यादेश में इस अवधि को घटाकर 5 वर्ष किया गया है। जिसका लाभ भूमिधरों को देने के लिए जिलाधिकारी ने तहसील अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिसके तहत श्रेणी-3 की जमीन के (असामी भूमिधर) पट्टा धारकों और असंक्रमणीय भूमिधरों की उद्धरण खतौनियों का परीक्षण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को ऐसे सभी पट्टा धारक भूमिधरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। तहसील अधिकारियों ने बताया कि पूर्व की उप्र राजस्व संहिता की धारा-132 में दर्ज सुरक्षित जमीन (खलिहान, तालाब, चारागाह आदि) के पट्टों को खारिज करने की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के दायरे में कितने असामी भूमिधर आएंगे, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। अधिकारियों के मुताबिक बंजर, नवीन परती आदि तरह की जमीन के जिन व्यक्तियों को पट्टे हैं, उनके नाम उद्धरण खतौनियों में दर्ज हैं। ऐसे लोगों की खतौनियों का परीक्षण किया जाएगा। फिर राजस्व ग्राम वार भूमिधरों की सूची तैयार कर राजस्व अभिलेखों में संशोधन किया जाएगा।

इनसेट----

क्या है असामी व असंक्रमणीय भूमिधर

असामी भूमिधर वह भूमिधर होते हैं जिन्हें एक निर्धारित अवधि 10 या 5 साल के लिए संबंधित जमीन का पट्टा किया जाता है। इसी तरह असंक्रमणीय भूमिधर वह भूमिधर होते हैं जिन्हें संबंधित जमीन के पट्टे की कोई निर्धारित अवधि नहीं होती है और वह अभी तक पट्टा पाने की 10 वर्ष की अवधि पूरी करने पर ही संक्रमणीय भूमिधर होते थे। ऐसे उन असंक्रमणीय भूमिधरों को संक्रमणीय भूमिधर बनाया जाएगा जो संशोधित अध्यादेश लागू होने के बाद जमीन का पट्टा पाने की 5 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके हैं। मालूम हो कि असामी व असंक्रमणीय भूमिधर संबंधित पट्टे की जमीन की बिक्री करने के हकदार नहीं होते हैं, वह पट्टे की जमीन की बिक्री संक्रमणीय भूमिधर होने के बाद ही करने को स्वतंत्र होते हैं।


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