खुलेआम बेईमानी पर आमादा रहा प्रशासन
सीतापुर : ब्लॉक प्रमुखी चुनाव में भी जिला प्रशासन ने सत्तापक्ष के समर्थित उम्मीदवारों के समर्थन में
सीतापुर : ब्लॉक प्रमुखी चुनाव में भी जिला प्रशासन ने सत्तापक्ष के समर्थित उम्मीदवारों के समर्थन में वोट कराने का पूरा प्रयास किया। स्थिति यह रही कि विपक्षियों को प्रशासन ने मांग के बाद भी उनके समर्थित निरक्षर एवं अशक्त बीडीसी सदस्यों को हेल्पर नहीं दिए। वहीं सत्तापक्ष के उम्मीदवारों के लिए हेल्परों की फौज एकत्र कर दी। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी भी है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण चुनाव होने का लाख ¨ढढोरा पीटता रहा, लेकिन जिले के आला अफसरों ने निर्वाचन की शुचिता तार-तार कर दी, जो जग जाहिर है।
पिसावां में निर्दलीय उम्मीदवार राम¨ककर पाण्डेय ने बताया कि उन्होंने निरक्षर बीडीसी सदस्यों के लिए 9 हेल्परों की मांग प्रशासन से की थी, लेकिन उन्हें एक भी हेल्पर नहीं दिया गया। वहीं सपा समर्थित उम्मीदवार मिथलेश कुमार को 26 हेल्पर दिए गए। लहरपुर ब्लॉक में प्रशासन ने सपा समर्थित उम्मीदवार सरला वर्मा को 11 हेल्पर उपलब्ध कराने में कोई देरी नहीं की, जबकि वहीं विपक्षी उम्मीदवार आलोक आनंद वर्मा हेल्पर के लिए तमाम गुहार लगाई लेकिन उनकी प्रशासन ने एक न सुनी। आलोक आनंद वर्मा ने बताया कि वह 5 हेल्परों की मांग कर रहे थे, जब उन्हें हेल्पर नहीं मिले तो उन्होंने निर्वाचन अधिकारी से कम से कम दो हेल्पर ही उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद भी उन्हें हेल्पर नहीं दिए गए। उनका आरोप है कि सरला वर्मा को बैकडेट में हेल्पर उपलब्ध कराए गए। वहीं दूसरी तरफ पहला ब्लॉक के उम्मीदवार रामलाल यादव का कहना है कि उन्होंने 10 हेल्परों की मांग प्रशासन से की थी, जिसमें उन्हें लिखापढ़ी में 10 हेल्पर उपलब्ध हो गए पर विपक्षी उम्मीदवार प्रवीन वर्मा के दबाव में प्रशासन ने उनके एक हेल्पर जहीराबानों को वोट नहीं करने दिया। रामलाल का आरोप है कि विपक्षी एवं सपा समर्थित उम्मीदवार प्रवीन वर्मा को प्रशासन ने बिना आवेदन के ही 10 हेल्पर उपलब्ध करा दिए हैं। मछरेहटा ब्लॉक के प्रमुख पद के उम्मीदवार आशीष भार्गव का कहना है कि 6 फरवरी की शाम तक निर्वाचन अधिकारी ने किसी को भी हेल्पर देने से मना कर दिया था, इसके बाद रात में सपा समर्थित उम्मीदवार रामा देवी को प्रशासन ने चुपके से 17 हेल्पर जारी कर दिए। उन्होंने बताया कि यह सभी 17 हेल्पर रामादेवी के परिवार के ही सदस्य थे। निर्दलीय उम्मीदवारों का कहना है कि प्रशासन ने खुलेआम मनमानी की है। सपा समर्थित उम्मीदवारों को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।