कटान व बहाव कम करने को बना रहे जुगाड़
सीतापुर : शारदा, घाघरा और चौका नदियों के जलस्तर में काफी कमी आई है। इससे बाढ़ पीड़ितों को बड़ी राहत म
सीतापुर : शारदा, घाघरा और चौका नदियों के जलस्तर में काफी कमी आई है। इससे बाढ़ पीड़ितों को बड़ी राहत मिली है। साथ ही बाढ़ बचाव में तैयारियां पूरी करने का मौका मिल गया है। नदियों में पानी कम होने और कटान थमने के बाद ¨सचाई विभाग के सहयोग से पीड़ित नदियों के बहाव और कटान को कम करने के लिए तमाम जुगाड़ लगा रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने पेड़ों की शाखाओं को काटकर नदी की धारा में डाला है, इसके बाद उसे लंबी रस्सी से नदी के किनारे पर एक खूंटे से कस दिया है। चूंकि ग्रामीणों का मानना है कि इससे बहाव की रफ्तार कम हो जाएगी। इसी तरह वह बाढ़ व कटान के बचाव में अन्य कई उपाय खोज रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ तटवर्ती गांवों के कई दर्जन लोगों के आशियाने घाघरा नदी के कटान के मुहाने पर आ गए हैं। हालांकि संबंधित पीड़ितों ने मौका भांपकर अपने उन मकानों को खाली कर दिया है।
तंबौर : शारदा नदी के कटान और बहाव को कम करने के लिए ¨सचाई विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। रविवार को काशीपुर क्षेत्र में इस कार्य के लिए विभाग द्वारा करीब एक दर्जन मजदूर लगा दिए गए हैं। नदी के कटान रोकने को प्लास्टिक की बोरियों में बालू भरकर तीन स्थानों पर कटर बनाने की कोशिश हो रही है। साथ ही नदी के बहाव को कम करने के लिए पेड़ों की डाल को नदी की धारा में डालकर उसे किनारों पर खूंटे से बांधा जा रहा है। पेड़ों की डालों को नदी के 200 मीटर तक एक-एक मीटर का बीच देकर डाला जा रहा है।
रेउसा : घाघरा नदी में पानी कम होने के साथ ही कटान भी काफी हद तक कम हो गया है। लेकिन दहशत अब तक बरकरार है। गोलोक कोड़र के गोड़ियनपुरवा के दर्जन भर से अधिक लोगों के मकान घाघरा की कटान के मुहाने पर हैं। इसलिए ग्रामीणों ने अपने मकानों को समय रहते खाली कर ऊंचे स्थानों की ओर रवाना हो गए हैं। इनमें लखनलाल, रामरूप, संतू, शंभू, सुरेंद्र, रामजीवन, पैकरमा, सोबरन, सहजराम, सुमिरन, धीरेश, रमेश, भिम्मू बेवा जगन्नाथ, कम्मो बेवा जगनू, सूर्यलाल, राजेश, रामपाल, बुधराम आदि लोगों के परिवार शामिल हैं। इन पीड़ितों ने बताया कि उन्हें अभी तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है। निर्मलपुरवा, रामलालपुरवा और गोड़ियनपुरवा के ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों के घर कट गए हैं।