उप निबंधक ने जांच में पकड़ी 43,820 रुपये की स्टांप चोरी
सीतापुर : लहरपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम शाहपुर के मजरा कोठीपुरवा की लीलावती को तथ्यों को छिपाकर जमीन
सीतापुर : लहरपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम शाहपुर के मजरा कोठीपुरवा की लीलावती को तथ्यों को छिपाकर जमीन का बैनामा कराना महंगा पड़ गया है। मुख्य सचिव के स्टॉफ ऑफीसर के निर्देश पर मामले में जिलाधिकारी ने जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई और जांच के दौरान 43,820 रुपये के स्टांप चोरी करने की पुष्टि हुई है। जांच अधिकारी ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। वहीं दूसरी तरफ कमी स्टांप की वसूली के लिए मामला सहायक आयुक्त स्टांप को संदर्भित कर दिया है।
गौरतलब हो कि शाहपुर के मजरा कोठीपुरवा की लीलावती पत्नी लाला ने गांव में गाटा संख्या 190 रकबा 0.4050 हेक्टेयर में कुछ हिस्सा जमीन खरीदी थी। यह जमीन आबादी के बीच में थी, इस पर पेड़ भी लगे थे, लेकिन क्रेता लीलादेवी ने इन तथ्यों को छिपाकर बैनामा करा लिया था। जिसकी शिकायत सुंदर लाल ने कई बार स्थानीय तहसील लहरपुर में की, जहां सुनवाई नहीं हुई तो उसने जिले स्तर पर शिकायत की यहां भी उसके प्रार्थना पत्र को कोई महत्व नहीं मिला तो उसने शासन में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर मुख्य सचिव कार्यालय ने उसे गंभीरता से लिया और मामले में जांच के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी हुए। मुख्य सचिव के स्टॉफ ऑफीसर एवं अपर निदेशक प्रशासन रवींद्र दत्त पालीवाल ने बीती 23 अप्रैल को जिलाधिकारी को मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर अपर जिलाधिकारी सर्वेश दीक्षित ने काफी विलंब के बाद 14 मई को उप निबंधक लहरपुर को जांच के निर्देश जारी किए। उप निबंधक लहरपुर ने मामले में जांच-पड़ताल के बाद कार्रवाई के लिए अपनी रिपेार्ट 23 मई को अपर जिलाधिकारी को भेज दी है। साथ ही उन्होंने कमी स्टांप की वसूली के सहायक आयुक्त स्टांप को भी मामला संदर्भित किया है। उप निबंधक लहरपुर सीके ¨सह ने बताया कि वर्ष 2012 में लीलावती ने गाटा संख्या 190 की जमीन का दसवां हिस्सा अर्थात 10 बिस्वा जमीन खरीदी थी, उस समय इस जमीन का डीएम सर्किल रेट 1,900 रुपये प्रति वर्ग मीटर था। लीलावती द्वारा खरीदी गई 10 बिस्वा जमीन के बैनामा में 38,920 रुपये का स्टांप लगाया जाना चाहिए था, चूंकि यह जमीन आबादी के बीच की थी और उस पर एक पेड़ भी लगा है। लेकिन लीलावती द्वारा बैनामा में 4,080 रुपये का स्टांप लगाया गया था। इसमें उन्होंने निबंधन शुल्क भी नहीं जमा किया था। उप निबंधक ने बताया कि पूरी जांच-पड़ताल के बाद इस मामले में 43,820 रुपये के स्टांप चोरी का मामला सामने आया है।