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बारिश से बर्बाद किसानों के लिए मांगे 2.58 अरब

सीतापुर : बेमौसम बारिश से जनपद का किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। जिला प्रशासन ने राजस्व कर्मियो

By Edited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 12:10 AM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 12:10 AM (IST)
बारिश से बर्बाद किसानों के लिए मांगे 2.58 अरब

सीतापुर : बेमौसम बारिश से जनपद का किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। जिला प्रशासन ने राजस्व कर्मियों के माध्यम से किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराया है। इसमें एक लाख 91 हजार 49 हेक्टेयर कृषि भूमि की रबी फसलें प्रभावित होने की बात सामने आई है। इन फसलों में 33 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है। जिस पर किसानों को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने गुरुवार दोपहर शासन को सर्वे रिपोर्ट भेजकर दो अरब 58 करोड़ रुपये की मांग की है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जनपद में बोयी गई रबी फसलों के कुल क्षेत्रफल में से 68,398 हेक्टेयर की रबी फसलों पर बेमौसम बारिश का कोई खास असर नहीं पड़ा है। यह फसलें अभी तक सुरक्षित हैं।

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जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश शासन को भेजी गई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जनपद में बेमौसम बारिश से सबसे अधिक 171247 हेक्टेयर कृषि भूमि की गेहूं फसल प्रभावित हुई है। इसी तरह तिलहन में सरसों/लाही की फसलों को तगड़ा झटका लगा है। बीती एक मार्च के बाद से बेमौसम बारिश के बीच चली तेज हवा ने जिले की 8,679 हेक्टेयर कृषि भूमि पर लहलहा रही सरसों/लाही की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। इतना ही नहीं चना, मटर, मसूर और अन्य फसलें भी जनपद में बड़े स्तर पर प्रभावित हुई हैं। इस तरह 1,91,049 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर लहलहाती गेहूं, सरसों/लाही, चना, मटर, मसूर व अन्य फसलों को बेमौमस बारिश ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक जनपद में इस बार रबी सीजन में किसानों ने कुल 2,59,447 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसलों की बुआई की थी, जिसमें बेमौसम बारिश के बाद आज भी 68,398 हेक्टेयर की रबी फसलें सुरक्षित हैं। मालूम को स्थानीय रकबा के अनुसार प्रति हेक्टेयर खेत में 12 बीघा 7 बिस्वा का क्षेत्रफल होता है। अर्थात बेमौसम बारिश में प्रभावित फसलों का क्षेत्रफल 23 लाख 59 हजार बीघा से भी अधिक है। अपर जिलाधिकारी सर्वेश दीक्षित ने बताया कि बेमौसम बारिश से प्रभावित फसलों के सर्वे की गुरुवार को तीसरी रिपोर्ट प्रदेश शासन को भेजी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर शासन से कुल दो अरब 57 करोड़ 91 लाख 67 हजार 710 रुपये की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि इस आंकलित मुआवजा के मुताबिक संबंधित किसानों को 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रभावित फसल के हिसाब में बांटा जाएगा।

तीसरी बार भेजी गई बर्बादी की रिपोर्ट

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि 16 अप्रैल गुरुवार से पहले बीती 10 अप्रैल को और उससे पहले 21 मार्च को प्रभावित फसलों की रिपोर्ट शासन में भेजी गई थी। 21 मार्च की रिपोर्ट में फसलों की क्षति 15 से 20 प्रतिशत दर्शायी गई थी। चूंकि तब बेमौसम बारिश से इतनी अधिक फसलों को क्षति नहीं पहुंची थी। इसके बाद फिर हुई बारिश में जनपद की 33 से 35 प्रतिशत फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिसकी सर्वे रिपोर्ट 10 अप्रैल को भेजकर शासन से किसानों की आर्थिक मदद के लिए 33.80 करोड़ रुपये क मांग की गई थी। इस 10 अप्रैल की सर्वे रिपोर्ट भेजने के बाद फिर जनपद में 13, 14 और 15 अप्रैल को बारिश हुई। जिससे प्रभावित फसलों का सर्वे कराया गया और तीसरी बार गुरुवार को सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजकर कुल 2 अरब 57 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि शासन से मांगी गई है।

बेमौसम बारिश से प्रभावित फसलों का सर्वे कराने के बाद गुरुवार को शासन में रिपोर्ट भेज दी गई है। प्रभावित क्षेत्रफल के मुताबिक किसानों को आर्थिक मदद करने के लिए शासन से 2.58 अरब रुपये की मांग की गई है। यह पैसा प्राप्त होते ही तहसीलों के माध्यम से पीड़ित किसानों को मदद के तौर पर उपलब्ध कराया जाएगा।

- लाल बिहारी, जिलाधिकारी


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