माया देवी को आज मिलेगा रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार
सीतापुर/नैमिषारण्य : उनके पास प्रबंधन की डिग्री भले ही न हो, पर किसी गांव के विकास की कला उन्हें बख
सीतापुर/नैमिषारण्य : उनके पास प्रबंधन की डिग्री भले ही न हो, पर किसी गांव के विकास की कला उन्हें बखूबी आती है। बात हो रही है मिश्रिख ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायत ठाकुरनगर की प्रधान माया देवी की। उनके विकास कार्यो को देखकर प्रदेश सरकार ने उन्हें रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार के लिए चुना है। यह पुरस्कार प्रदेश की 38 अन्य महिलाओं को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार 29 मार्च को इन सभी को यह सम्मान देंगे।
उन्होंने सबसे पहले अपने गांव में झुग्गी-झोपड़ी की जगह पर मकानों का निर्माण कराया। गांव में अधिकांश घर पक्के हैं। हर घर में शौचालय बनवाया। राज्य वित्त आयोग, 13वां वित्त आयोग से जहां उनके गांव की परिसंपत्तियां दुरुस्त कराई, वहीं मनरेगा में ग्रामीणों को खूब रोजगार मिल रहा है।
ग्राम प्रधान मायादेवी कहती हैं कि मैं अधिक पढ़ी-लिखी नहीं हैं। अधिक शिक्षा न ग्रहण कर पाने से नियमों व नई-नई योजनाओं को अधिक नहीं समझ पाती हूं लेकिन फिर भी कोशिश रहती है कि ग्राम पंचायत को और अधिक स्वच्छ व सुंदर और विकसित किया जाए। मायादेवी के पति धनीराम खेती-बाड़ी करते हैं। मायादेवी कहती हैं कि वर्ष 2010 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वह ठाकुरनगर ग्राम पंचायत से पहली बार ग्राम प्रधान चुनी गई। इसके बाद उन्होंने अपनी पंचायत की जनता के लिए वह सब कुछ किया जिसकी जरूरत थी।
शनिवार को राजधानी रवाना होने से पहले मायादेवी ने कहा कि वह जनपद की सभी महिला प्रधानों से कहती हैं कि वह अपनी जिम्मेदारी समझें अपने दायित्व का निर्वाहन स्वयं करें। जिससे ग्राम पंचायत के साथ ही स्थानीय लोगों का भी विकास होगा।
रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार के लिए ठाकुरनगर की प्रधान मायादेवी का चयन हुआ है, इसके लिए मै उन्हें बधाई देता हूं। मैं चाहता हूं कि मायादेवी की तरह अन्य ग्राम पंचायत की भी महिला प्रधान अपने दायित्वों को समझें और उनका निर्वाहन स्वयं करें। जिससे आगे उनका भी चयन हो।
- रवींद्र राय, डीपीआरओ