सिर्फ कागज ही नहीं फर्जी, बोलेरो भी चोरी की
सीतापुर : फर्जी एनओसी के जरिए सीतापुर में जिस बोलेरो का ट्रांसफर हुआ दरअसल वह फर्जी दस्तावेजों के सह
सीतापुर : फर्जी एनओसी के जरिए सीतापुर में जिस बोलेरो का ट्रांसफर हुआ दरअसल वह फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई जिलों का सफर तय कर चुकी है। नकली कागजात के सहारे बरेली से यह बोलेरो फिरोजाबाद होते हुए सीतापुर आ पहुंची है। फर्जी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) का मामला सीतापुर में पकड़े जाने से पहले तीन साल पहले नकली दस्तावेज का मामला फिरोजाबाद एआरटीओ ने पकड़ा था। इस मामले में वहां मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद सूबे भर के एआरटीओ को इसकी सूचना भी दी गई थी। इस पूरे प्रकरण का अहम पहलू यह है कि इस बोलेरो के कागजात तो फर्जी हैं हीं, साथ ही यह बोलेरो भी चोरी की है। गौरतलब है कि तकरीबन छह माह पूर्व फिरोजाबाद
की एक बोलेरो नंबर यूपी 83 वी 2057 सीतापुर के उप संभागीय परिवहन कार्यालय पर ट्रांसफर के लिए आई थी। वाहन के ट्रांसफर के लिए तंबौर के ग्राम रजवापुर निवासी राजपाल पुत्र अमरजीत ने आवेदन किया था। मामले में कार्यालय के अधिकारियों ने अस्थायी पंजीकरण पत्र जारी कर दिया था और अनापत्ति प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज सत्यापन के लिए फिरोजाबाद भेजे। फिरोजाबाद एआरटीओ ने एनओसी को फर्जी बताते हुए रिपोर्ट सीतापुर भेजी जिसके बाद यहां के अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी और इस गड़बड़ी की जांच शुरू की। जागरण प्रतिनिधि ने इस मामले की पड़ताल की तो बोलेरो के दस्तावेजों में हुआ फ्रॉड परत दर परत खुलकर सामने आ गया। दरअसल वर्ष 2011 में बरेली आरटीओ कार्यालय के नाम से फर्जी अस्थायी पंजीकरण लेकर वाहन मालिक फिरोजाबाद एआरटीओ कार्यालय पहुंचा था। तत्कालीन एआरटीओ ने जब दस्तावेजों का सत्यापन कराया तो वह फर्जी निकले। जिसके बाद एआरटीओ ने फिरोजाबाद में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के साथ ही प्रदेश भर के परिवहन कार्यालयों को पंजीकरण फर्जी होने की सूचना दी थी। तकरीबन तीन साल बाद यह बोलेरो एक बार फिर सुर्खियों में तब आई जब सीतापुर में दस्तावेजों की हेराफेरी का पकड़ा गया। हैरत की बात तो यह है कि नकली दस्तावेजों के सहारे बरेली से फिरोजाबाद होते हुए सीतापुर पहुंची बोलेरो भी चोरी की निकली।
फिरोजाबाद के एआरटीओ सुनील दत्त ने बताया कि सीतापुर से दस्तावेज सत्यापन के लिए आए थे, जिसमें फर्जी होने की रिपोर्ट भेज दी गई थी। करीब तीन वर्ष पूर्व यह वाहन फिरोजाबाद में पंजीकृत हुआ था लेकिन बरेली से जारी अस्थायी पंजीकरण पत्र फर्जी निकला था। जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज कराकर पंजीयन निरस्त कर दिया गया था, साथ ही प्रदेश के कार्यालयों को सूचना भेज दी गई थी।