अमावस्या पर 1.5 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
नैमिषारण्य : अमावस्या के मौके पर शनिवार को नैमिषारण्य के पौराणिक चक्रकुंड व मोक्षदायिनी आदि गंगा ग
नैमिषारण्य : अमावस्या के मौके पर शनिवार को नैमिषारण्य के पौराणिक चक्रकुंड व मोक्षदायिनी आदि गंगा गोमती के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ा। करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने इसके पावन जल से स्नान कर विधिवत पूजन-अर्चन कर भगवान से सुख, शाति, समृद्धि और वैभव प्राप्त करने की कामना की। इस दौरान अव्यवस्थाओं से भी श्रद्धालु जूझने को विवश हुए।
इस मौके पर शुक्रवार की देर शाम से ही धार्मिक नगरी नैमिषारण्य में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। सुबह होते ही बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने नैमिषारण्य के पावन चक्रकुंड और आदि गंगा गोमती में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने विभिन्न मंदिरों और मठों में जाकर विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने भगवान की आराधना कर वैभव प्रदान करने की कामना की।
यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद आदि शक्ति मा ललिता देवी मंदिर, देव देवेश्वर मंदिर, हनुमान गढ़ी, कालीपीठरूद्रावर्त तीर्थ, आर्यावर्त तीर्थ सहित नैमिष के कई मंदिरों और मठों में जाकर माथा टेका और पूजा-अर्चना की।
नैमिषारण्य में बड़ी तादात में श्रद्धालुओ के आने के बावजूद भी उनके लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई इतजाम नहीं किए गए। ठड के मौसम के बावजूद मेला परिसर में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई थी। शुक्रवार को पूरी रात बिजली गायब रहने से श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मेले के दौरान चिकित्सा शिविर भी नहीं नजर आए और न ही सार्वजनिक स्थलों पर साफ-सफाई के इतजाम थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के बाबत पुलिस की कहीं पर भी कोई व्यवस्था नहीं नजर आई। अमावस्या मेले के कारण प्राइवेट बस और टैम्पो, टैक्सी चालकों ने जमकर चादी काटी। चालकों ने श्रद्धालुओं से किराये के नाम पर मुंह मागी रकम वसूल की।