सीतापुर के बाद अब हरदोई में दहशत
सीतापुर: पांच दिनों तक सीतापुर वासियों व वन विभाग के अधिकारियों को छकाने के बाद बाघ गोमती नदी को लां
सीतापुर: पांच दिनों तक सीतापुर वासियों व वन विभाग के अधिकारियों को छकाने के बाद बाघ गोमती नदी को लांघकर जनपद हरदोई की सीमा में प्रवेश कर गया है। बाघ के हरदोई पहुंचने से एक तरफ जहां क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सास ली है, वहीं दूसरी ओर हरदोई की सीमावर्ती गांवों में बाघ की दहशत फैल गई है। हालांकि अभी बाघ के वापस लौटने की उम्मीद बरकरार है। इस आशंका से निपटने के लिए वन विभाग के अधिकारी अभी भी गोमती नदी के आस-पास के गांवों में नजर बनाए हुए हैं।
विकास खंड गोंदलामऊ क्षेत्र के करीब डेढ़ दर्जन गांवों में पिछले पांच दिनों से बाघ की चहलकदमी से हलचल मची हुई थी। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए खेतों की खाक छान रही थी। साथ ही लखनऊ से पिंजड़ा मंगाकर भी लगाया गया था, लेकिन वन विभाग की सारी कोशिशों पर बाघ ने पानी फेर दिया। बाघ के पग चिह्न रविवार की सुबह भीखपुर गांव के खेतों के बाद हंडौरा, भगवानपुर व सेमौरी गांवों में दिखाई दिए। सेमौरी गांव से निकली गोमती नदी के किनारे तक बाघ के पग चिह्न देखने को मिले। इसके बाद नदी पार जनपद हरदोई के तुलसीपुर, भटपुर व कोढ़ गांवों में वन विभाग की टीम को पग चिह्न मिले। वन विभाग की टीम के मुताबिक सीतापुर सीमा से करीब पांच किलोमीटर दूर हरदोई के तुलसीपुर गांव में पग चिह्न दिखाई दिए है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ रात को सफर करने के बाद एक बार फिर खेतों में छिप गया है। हरदोई पहुंचने पर वहां के वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बाघ की तलाश शुरू कर दी गई है। उधर, सीतापुर की वन विभाग की टीम गोमती नदी के सीमावर्ती गांवों में डेरा डाले हुए है। बाघ की वापसी होने की संभावनाएं प्रबल बनी हुई है।
बाघ की चाल से टीम भ्रमित
बाघ द्वारा की जा रही चहलकदमी वन विभाग के अधिकारियों को अब भ्रमित करने लगी है। वन विभाग के अधिकारी पहले तो बाघ को नदी का किनारा पकड़ कर वापस लौटने की उम्मीद जता रहे थे, लेकिन पिछले दो दिनों में बाघ का अलग-अलग दिशाओं में जाना अधिकारियों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है। अब वन विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञ बाघ के संबंध में कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कह पा रहे है।
बाघ की आहट से हरदोई वासियों में दहशत
सीतापुर के गोंदलामऊ से शुरू हुई बाघ की आहट धीरे-धीरे हरदोई के सीमावर्ती गांवों में पहुंच गई है। बाघ सीतापुर से महज महज पांच किलोमीटर दूरी पर हरदोई के तुलसीपुर गांव में डेरा डाले हुए है। बाघ को नजदीक आता देख हरदोई के आस पास के गांवों में भी दहशत का माहौल बन गया है। हालांकि अब तक बाघ द्वारा किसी व्यक्ति पर जानलेवा हमला नहीं किया गया है।
'बाघ शनिवार रात तक सीतापुर के गोंदलामऊ क्षेत्र में ही था, लेकिन सुबह उसके पग चिह्न गोमती नदी के किनारे और हरदोई के सीमावर्ती गांवों में देखने को मिले है। बाघ की तलाश के प्रयास किए जा रहे है। बाघ के जनपद सीतापुर की सीमा में वापस लौटने की भी संभावनाएं बनी हुई है।
एपी त्रिपाठी, डीएफओ'