बेहतर माहौल मिले तो कम हो गुमशुदगी के मामले
सीतापुर: लापता मासूमों की संख्या में इजाफा होने का एक मुख्य कारण माता-पिता का बच्चों से आपसी तालमेल
सीतापुर: लापता मासूमों की संख्या में इजाफा होने का एक मुख्य कारण माता-पिता का बच्चों से आपसी तालमेल न होना भी रहता है। अक्सर बच्चे संकोचवश कई बातों को परिजनों से छुपा ले जाते है, जो आगे जाकर उनकी मानसिक स्थिति को बदलने का काम करती है। परिजन भी इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं दे पाते है। ऐसे में कई बच्चे क्षुब्ध होकर घरों को छोड़ देते है। जानकारों की माने तो परिवार का बेहतर माहौल और बच्चों व अभिभावकों के बीच के बेहतर तालमेल से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लग सकता है।
मिसिंग सेल का कार्यभार देख रहे डीसीआरबी प्रभारी बृजलाल वर्मा बताते है कि लापता बच्चों को ढूंढ़ने व गुमशुदगी के मामले कम करने में परिजन अहम भूमिका निभा सकते है। वह बताते है कि जो बच्चे लापता होते है उनमें अधिकांश ऐसे मामले होते है जिनमें बच्चे परिवार व अपने आस-पास के माहौल से आहत होकर घरों को छोड़कर निकल जाते है। लापता होने के बाद परिजन उनकी मानसिक स्थिति व उनके साथ हुई छोटी-बड़ी घटनाओं की जानकारी देकर बच्चों तक पहुंचने में पुलिस की मदद कर सकते हैं। ऐसे कई मामले सामने आते है, जिनमें परिवार के लोग अपने बच्चों का मानसिक स्थितियों से अंजान होते है। डीसीआरबी प्रभारी बताते है पारिवारिक माहौल ऐसे मामलों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है। आवश्यकता है कि बच्चों को एक बेहतर माहौल मुहैया कराया जाए।
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क्या कहते है मनोरोग विशेषज्ञ
जिला अस्पताल में तैनात मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश कुमार बताते है कि बच्चों की प्रथम पाठशाला उनका परिवार ही होता है। पारिवारिक माहौल को देखकर ही बच्चों का मानसिक विकास होता है। अगर घर का माहौल बेहतर है, तो बच्चे भी अपनी शिक्षा के प्रति अग्रसर रहेंगे। यदि परिवार में माता पिता के मध्य झगड़े होंगे और अक्सर माहौल में गहमागहमी बनी रहेगी, तो इससे बच्चों की मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ऐसी स्थिति में कई बार बच्चे मानसिक उथल-पुथल के अधीन होकर अपने घरों से निकल जाते है। आज के समय में बच्चों व परिजनों के मध्य आपसी तालमेल व मित्र व्यवहार होना आवश्यक है। मित्र व्यवहार तमाम समस्याओं से निजात दिला सकता है।