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लखनऊ से आए विशेषज्ञ ने की बाघ की पुष्टि

गोंदलामऊ, (सीतापुर): क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में दहशत का पर्याय बन चुके जंगली जानवर को पकड़ने के ल

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 11:16 PM (IST)
लखनऊ से आए विशेषज्ञ ने की बाघ की पुष्टि

गोंदलामऊ, (सीतापुर): क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में दहशत का पर्याय बन चुके जंगली जानवर को पकड़ने के लिए लखनऊ से वन्य जीव विशेषज्ञ व पिंजड़ा पहुंच गया है। विशेषज्ञ ने पग चिह्नों की छानबीन करने के बाद तेंदुआ होने की बात को गलत बताते हुए बाघ होने की पुष्टि कर दी है। बाघ की पुष्टि होने के साथ ही वन विभाग व ग्रामीणों की मुसीबतें और बढ़ गई है। वन विभाग की टीम विशेषज्ञों के साथ लगातार कांबिंग कर रही है। साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए पिंजड़ा भी लगा दिया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाघ पिछले 24 घंटों से एक ही खेत में डेरा डाले हुए है।

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गोंदलामऊ क्षेत्र में भरौना व डेंगरा गांव के मध्य खेतों में छिपे जंगली जानवर को पकड़ने के लिए डीएफओ द्वारा लिखे गए पत्र के बाद शुक्रवार को लखनऊ से वन्य जीव विशेषज्ञ आफताब अली खां सीतापुर पहुंचे। विशेषज्ञ द्वारा पग चिह्न की जांच के बाद बाघ होने की पुष्टि की। बाघ होने की जानकारी लगते ही वन विभाग व ग्रामीणों के होश उड़ गए। खेत के आस-पास वन विभाग के एसडीओ सीतापुर राकेश चौधरी, रेंजर सीतापुर इम्तियाज अहमद, रेंजर हरगांव एमपी यादव, मिश्रिख, हरगांव, महोली व सीतापुर के वनकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। अब पूरी टीम विशेषज्ञ की देखरेख में छानबीन कर रही है। बाघ को पकड़ने के लिए लखनऊ से आया एक पिंजड़ा भी खेत के पास लगा दिया गया है। वन विभाग की टीम बाघ को पिंजड़े में कैद करने के प्रयास में जुट गए है।

ट्रैकिंग व बेहोशी एक्सपर्ट के लिए लिखा पत्र

डीएफओ एपी त्रिपाठी ने बाघ की पुष्टि होने के बाद प्रमुख वन संरक्षक उप्र लखनऊ को एक और पत्र लिखा है। इस पत्र में डीएफओ ने बाघ को पकड़ने के लिए डिप्टी डायरेक्टर डॉ. उत्कर्ष शुक्ला को सीतापुर भेजने की अपील की है। उन्होंने बताया कि डॉ. शुक्ला वन्य जीवों की ट्रैकिंग व बेहोशी में एक्सपर्ट है। इनके आने से बाघ को पकड़ने में आसानी मिलेगी।

..और जब खेत से निकला वनरोज

डेंगरा गांव के दक्षिण एक खेत में महिला ने हलचल होने की सूचना वन विभाग को दी। इस पर अधिकारियों ने चारों ओर घेराबंदी कर छानबीन की। काफी देर की जद्दोजहद के बाद जब वहां से जानवर बाहर निकला तो लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। खेत से एक वनरोज निकला। ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने वापस उसी स्थान पर पहुंचकर पुन: डेरा डाल लिया है।

'लखनऊ से आए वन्य जीव विशेषज्ञ द्वारा पग चिह्नों की पहचान बाघ के रूप में की है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम द्वारा पिंजड़ा लगा दिया गया है। साथ ही शासन को पत्र लिखकर और टीम भेजने की मांग की है।

एपी त्रिपाठी, डीएफओ'


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