कटान में रेउसा क्षेत्र के दस मकान कटान की भेंट चढ़े
सीतापुर: जिले के गांजरी क्षेत्र में घाघरा, चौका व शारदा नदी के द्वारा कटान का क्रम सोमवार को भी जारी रहा। कटान के कारण ग्रामीणों को बेघर होकर सड़क के किनारे जीवन यापन करना पड़ रहा है। रामपुरमथुरा क्षेत्र में 6 जबकि रेउसा क्षेत्र में दस घर नदी में कट गए। वहीं कई बीघे जमीन भी नदी की भेंट चढ़ गई। सोमवार को चौका नदी के जल स्तर में भी 15 सेंटी मीटर की वृद्धि दर्ज की गई। जबकि घाघरा नदी पूर्व की भांति स्थिर थी। सोमवार को विभिन्न बैराजों में से बनबसा से 67 हजार 492 क्यूसेक, शारदा बैराज से 1 लाख 26 हजार 629 क्यूसेक, गिरजा बैराज से 1 लाख 30 हजार, 224 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
रेउसा संवादसूत्र के अनुसार: शारदा नदी की कटान में विगत तीन दिन के अंदर क्षेत्र के दस व छ: गांवों की बीस एकड़ फसल नदी में समा गई। कटान के चलते श्रीरामपुरवा मजरा म्योढ़ी छोलहा गांव के निवासी प्यारेलाल, कौशल, टेकन, बद्धा, ठाकुर लाल, राम प्रकाश, स्वामीदीन, राजू, भगौती, राजू सहित दस घर शारदा नदी की कटान की भेंट चढ़ गए। कटान पीड़ितों ने सड़कों के किनारे अपना डेरा डालने को विवश है। वहीं दूसरी तरफ श्रीरामपुरवा,क्योटी छोलहा, घूरेपुरवा, पासिनपुरवा, अम्बरपुरवा गावों की लगभग बीस एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी में समा गई। कटान पीड़ितों के सामने राशन व पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके अलावा घाघरा का जलस्तर स्थिर होने के कारण कटान की समस्या बनी हुई है। टिब्भा गांव के लोग कटान से परेशान हैं।
रामपुर मथुरा संवादसूत्र के अनुसार: सोमवार को घाघरा नदी के जल स्तर में 15 सेंटी मीटर की बढोत्तरी हुई जिसके कारण चौका का जल स्तर 11710 सेटी मीटर था। जबकि घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर रहा। चौका नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण क्षेत्र के भगहर, पासिनपुरवा, कोलईपुरवा, टिकडी धंधार, चंदेला, बांधेपुरवा,भिरखारीपुरवा, मुनेजरगंज समेत करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भर जाएगा। वहीं घाघरा नदी के कारण फतुल्लापुर, अंगरौरा गांव में कटान का क्रम जारी है कटान के कारण छह घरों के अस्तित्व पर संकट आ गया है।
बांध के पास बढ़ रहा जलस्तर
चौका नदी में हो रहे जलस्तर में बढोत्तरी के कारण क्षेत्र के बांसुरा गांव के निकट स्थित चौका नदी के बांध के पास पानी इकट्ठा हो रहा है। पानी इकट्ठा होने के कारण यहां बांध के आसपास के गांवों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यहां किसी भी समय कटान तेज हो सकता है।