दिल्ली से जांच करने आई वायु सेना की टीम
सीतापुर: अटरिया में हुए हेलीकाप्टर हादसे के चौथे दिन भी वायु सेना के अधिकारियों ने मोर्चा संभाल रखा। चौथे दिन दिल्ली से अधिकारियों का एक दल हादसे की जांच करने पहुंचा। अधिकारियों ने कई पहलुओं पर जांच की। जांच की प्रक्रिया को पूरी तरह गोपनीय रखा गया। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद वायु सेना के अधिकारी सारे सामान के साथ वापस निकल गए। मौके पर महज एक कैंप ही लगा है। इस दौरान मौके पर ग्रामीणों को फटकने नहीं दिया गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि अब जल्द ही जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी।
अटरिया थाना क्षेत्र के पंडितपुरवा गांव में शुक्रवार की शाम वायु सेना का हेलीकाप्टर धु्रव 307 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में वायु सेना के सात अधिकारियों की मौत हो गई थी। घटना के बाद से ही पूरे हादसे की जांच वायु सेना की विभिन्न टीमों द्वारा की जा रही है। अब तक वायु सेना के बख्शी तालाब स्थित एयरपोर्ट और बरेली के अधिकारियों ने छानबीन की थी। वहीं सोमवार को भी दिल्ली से आए अधिकारियों की टीम ने घटनास्थल पर जांच की। दूर-दूर तक गिरे हेलीकाप्टर के पंख व जवानों के बैग समेत पूरे मलबे की गहनता से जांच हुई। मौके पर तैनात वायु सेना के अधिकारियों से भी पूछताछ की गई। सूत्रों की माने तो सेना के अधिकारियों द्वारा मुख्य रूप से हेलीकाप्टर हादसे के पीछे चार कारण संभावित होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इनमें मैनुफैक्चरिंग प्राब्लम, मानवीय चूक, उड़ान के दौरान पंख टूटने व तकनीकी खराबी आना शामिल है। सोमवार को जांच होने के बाद वायु सेना के अधिकारियों द्वारा लगाया कैंप हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मौके पर कुछ सामान को छोड़कर सारा सामान लेकर टीम वापस रवाना हो रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मंगलवार तक टीम के सभी लोग मौके से चले जाएंगे। उधर, हादसे के चार दिन बीतने के बाद भी ग्रामीणों की आंखों में तबाही का वह मंजर साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसी के चलते प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सोमवार को भी घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने जा रहे सेना के जवानों को हाथ हिलाकर रवाना किया। यह बात और है कि वायु सेना के अधिकारियों द्वारा उन्हे अधिक पास तक नहीं पहुंचने दिया गया।
निर्माण विशेषज्ञों ने लिया जायजा
सोमवार को हादसे की जांच के लिए वायु सेना के अधिकारियों के साथ मैनुफैक्चरिंग कंपनी के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मलबे की जांच की और सेना के अधिकारियों से हादसे के संबंध में जानकारी ली।