आखिर भगवान ने ग्रामीणों को बचा ही लिया
अटरिया (सीतापुर) : अटरिया क्षेत्र में शुक्रवार की शाम हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना एयरफोर्स के सात जवानों के लिए दुखदायी साबित हुई। वहीं दूसरी ओर अटरिया के दो गांवों के हजारों लोग इस हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। दोनों गांवों के मध्य खाली पड़े सैकड़ों बीघा खेत ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुए। हर कोई हादसे से सुरक्षित बचने पर भगवान को धन्यवाद कह रहा था।
अटरिया में जिस स्थान पर सेना का हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर क्रैश हुआ है, वह पंडितपुरवा और बुढ़वनपुरवा के मध्य का हिस्सा है। इन गांवों की आबादी करीब तीन हजार है। हेलीकाप्टर जिस समय क्रैश होकर जमीन की ओर गिर रहा था, उस समय गांवों में मौजूद लोग हादसे से अंजान थे। पहले तो लोग हेलीकाप्टर की लैंडिंग समझ रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे विमान जमीन के पास आता चला गया, हादसे की लोगों को जानकारी हो गई। जमीन पर गिरते ही हेलीकाप्टर में तेज धमाका हो गया, जिससे आग की तेज लपटें उठने लगी। हर कोई दुर्घटनास्थल की ओर भागने लगा। हादसा इतना भयंकर था कि कुछ ही देर में सेना का हेलीकाप्टर और उसमें मौजूद लोग राख के ढेर में तब्दील हो गए। कुछ ही देर में दोनों गांवों के साथ आस-पास के हजारों ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अगर यह हेलीकाप्टर गांवों में गिरता तो इससे कई ग्रामीण मौत के आगोश में समां जाते।
इनसेट
बख्शी तालाब स्थित एयरपोर्ट और एटीसी से मांगी थी मदद
सूत्रों की माने तो एयरफोर्स को जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, वह क्रैश होने से पहले ही खराब हो गया था। खराबी आने के बाद हेलीकाप्टर के पायलट ने लखनऊ के बख्शी का तालाब स्थित एयरफोर्स के हवाई अड्डे और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर मदद मांगी थी, लेकिन मदद के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया और हेलीकाप्टर क्रैश हो गया। हालात इस कदर बिगड़ गए थे कि पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग के लिए भी समय नहीं मिल सका।
हाईटेंशन लाइन से भी टकराया था हेलीकाप्टर : प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस स्थान पर हेलीकाप्टर क्रैश हुआ है, उससे चंद कदमों की दूरी पर बरेली की ओर गई हाईटेंशन लाइन के तार भी खिंचे हुए है। क्रैश होने के दौरान हेलीकाप्टर हाईटेंशन लाइन के तारों के भी संपर्क में आया था। संभावना व्यक्त की जा रही है कि लाइन में आ रहे हाई वोल्टेज ने हेलीकाप्टर में आग लगने में भूमिका निभाई होगी।
दूर तक गिरे पंख और जवानों के बैग : क्रैश हुए हेलीकाप्टर के पंख व जवानों के बैग घटनास्थल से एक-एक किलोमीटर की दूरी तक जा गिरे। घटनास्थल से एक किलोमीटर दूर स्थित बुढ़वनपुर व सभापुर के मध्य हेलीकाप्टर का एक पंख व दूसरा पंख पांच सौ मीटर दूरी पर गिरा। वहीं जवानों के बैग हवा में ही हेलीकाप्टर से गिरने लगे थे, जो दूर तक खेतों व गांव के बीचो बीच गिरे।
ग्रामीणों ने की मदद : शाम होते-होते अंधेरा हो गया। राहत कार्य में दिक्कत हो रही थी। इस पर बचाव कर्मियों का सहयोग करने के लिए ग्रामीण आगे आए। लोगों ने अपने ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल की रोशनी देकर बचाव कार्य में मदद की। इससे बचाव कर्मियों को मलबे से जवानों के शव खोजने में आसानी हुई।