विजिट लुम्बिनी के रूप में मनेगा 2012
सिद्धार्थनगर : नेपाल सरकार को अपने मंशा में कामयाबी मिली तो 2012 के अंत तक पचास लाख से अधिक सैलानी लुम्बिनी में जुटेंगे। अपनी विशेष रणनीति के तहत नेपाल सरकार 2012 को विजिट लुम्बिनी के रूप में मनाने जा रही है। इसके तहत जगह-जगह बैनर लगने शुरू हो गए हैं। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो सिर्फ लुम्बिनी से नेपाल सरकार को पचास अरब से अधिक आय होगी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की-मून के आश्वासन के बाद से नेपाल सरकार लुम्बिनी विकास को लेकर बेहद गंभीर है। लुम्बिनी स्थित नहर, जलाशयों को पूरी तरह से पर्यटकीय लुक दिया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रमुख बौद्ध मंदिर समेत विभिन्न देशों के चालीस से अधिक मंदिरों में साफ-सफाई समेत उसे आकर्षक बनाने की भव्य व्यवस्था की गई है। समूचे लुम्बिनी क्षेत्र में जगह-जगह बंद कचरा पेटियां लगी हुई हैं। लुम्बिनी विकास समिति से जुड़े एक सदस्य ने बताया कि सैलानियों की सुविधा के लिए पचास नए शौचालय बनवाए गए हैं। अनोखे ढंग से बने बीस जलाशयों पर काम होना शेष है। इसके साथ ही साथ नहर पर बने पर्यटकीय पुलों पर ''लुम्बिनी भ्रमण वर्ष 2011'' का बैनर लगा है। बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने में सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
नेपाली मीडिया के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान-की-मून में 8 अक्टूबर को न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री व राष्ट्रीय लुम्बिनी विकास समिति के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' से मुलाकात के समय वादा किया था कि वह लुम्बिनी के विकास में मदद देने की कोशिश करेगा। इस पर प्रचंड ने भी कहा था कि नेपाल सरकार लुम्बिनी को विश्व में एक आदर्श शांतिपूर्ण शहर बनाने में संलग्न रहेगा।
बता दें कि इससे पूर्व नेपाल ने वर्ष 2011 को पर्यटन वर्ष घोषित किया था। इसके तहत नेपाल में पर्यटकों की संख्या में पचास प्रतिशत से अधिक इजाफा भी हुआ। आय की बेहतर गुंजाइश व वातावरण को बेहतर रूप देने की गरज से नेपाल सरकार ने वर्ष 2012 को लुम्बिनी भ्रमण वर्ष के रूप में घोषित किया है। नेपाली गोर्खा पत्र के अनुसार सरकार ने 2012 को लुम्बिनी पर्यटन वर्ष के रूप में घोषित किया है। नेपाली प्रधानमंत्री बाबू राम भट्टाराई ने एक झंडा उठाया जिस पर ''वर्ष 2012 में लुम्बिनी की यात्रा करो'' लिखा हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने इसे लुम्बिनी पर्यटन वर्ष के औपचारिक शुरुआत की घोषणा भी की। उनके मुताबिक इसका लक्ष्य देशी-विदेशी पर्यटकों को आर्कषित करना है। उन्होंने कहा है कि बुद्ध शाक्यमुनि के जन्मस्थल के रूप में लुम्बिनी को नेपाल का पवित्र स्थल ही नहीं, बल्कि एशिया का गौरव भी है। इस कार्रवाई से बुद्ध का विचार पूरी दुनियां में फैलाया जाएगा। लुम्बिनी में कई ऐतिहासिक अवशेष सुरक्षित हैं। धर्म व पर्यटन के जोड़ने वाले विकास से स्थानीय नागरिकों के जीवन स्तर उन्नत होगा।
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